न्यूयॉर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें अधिवेशन से इतर यहां न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न और एस्टोनियाई राष्ट्रपति के कलजुलैद से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की।
मोदी ने अर्डर्न के साथ बुधवार को यहां द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा की और राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, सुरक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए उठाये जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान दोनों नेतओं ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे सहित पारस्पर हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की और दोनों देशों के बीच विचारों के अदान-प्रदान की सराहना की।
दोनों देशों ने पुलवामा और क्राइस्टचर्च के आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए आतंकवाद के मुद्दे पर एक-दूसरे का समर्थन किया। भारत ने क्राइस्टचर्च कॉल ऑफ एक्शन पर न्यूजीलैंड और फ्रांसीस की संयुक्त पहल का भी समर्थन किया।
अर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासी और छात्र दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण पुल हैं और दोनों देशों के बीच दोस्ती के बंधन में अहम योगदान करते हैं।
उधर, एस्टोनिया के राष्ट्रपति के साथ अपनी बैठक में मोदी ने अगस्त में एस्टोनिया में भारतीय उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की लाभदायक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक पहलुओं हुई चर्चा को लेकर विस्तृत बातचीत की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “इस बैठक ने एस्टोनिया को द्विपक्षीय सहयोग के अवसरों के बारे में अपने विचारों रखने का अवसर प्रदान किया गया, ताकि दोनों देशों के बीच मौजूदा दोस्ताना संबंधों को और प्रगाढ़ किया जा सके।”
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने ई-गवर्नेंस, साइबर सुरक्षा और नवाचार के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ करने के मुद्दे पर भी चर्चा की।
मोदी ने 2021-2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी को समर्थन देने के लिए एस्टोनिया को धन्यवाद भी दिया।