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संसद के बाद किसान रैली में भी कांग्रेस पर बरसे मोदी
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संसद के बाद किसान रैली में भी कांग्रेस पर बरसे मोदी

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संसद के बाद किसान रैली में भी कांग्रेस पर बरसे मोदी
Modi in Shahjahanpur : PM Addresses 'Kisan Kalyan Rally', Launches Scathing Attack on Congress
Modi in Shahjahanpur : PM Addresses ‘Kisan Kalyan Rally’, Launches Scathing Attack on Congress

शाहजहांपुर। लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बड़ी जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को किसान कल्याण रैली में अन्नदाताओं को बदहाल हालत से उबारने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी पिछली सरकार के कारनामो से शोषण के शिकार किसानों की दशा सुधारने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।

मोदी ने रोजा स्थित रेलवे मैदान पर किसान कल्याण रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा गुनाह यही है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं। परिवारवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा हूं। हमने संकल्प लिया है जिन लोगों ने यहां के लोगों को 18वीं सदी में जीने के लिए मजबूर कर दिया हम उसे बदल कर रख देंगे। हम जल्द ही सभी घरों तक बिजली पहुंचा कर रहेंगे। हमने बिचौलियों और मुफ्तखोर लोगों का धंधा बंद करवा दिया ऐसे में वो हमें हटाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव ऐसे नहीं आता है। जब 90 हजार करोड़ रुपए इधर-उधर जाना बंद हो जाते है, तब आता है। देश की जनता अविश्वास करने वालों के मद को चूर-चूर कर देती है। कुछ लोग हमको कोस रहे थे। हमारे काम का हिसाब मांग रहे थे।

विपक्षी एकता पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब दल के साथ दल हो तो दलदल हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है उतना ही कमल खिलता है। वो अपने भविष्य का आकलन के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए, लेकिन उनका आकलन गलत था क्योंकि देश बदल चुका है। यहां बेटियां अब जाग चुकी हैं। अब उनका फॉर्मूला काम नहीं आने वाला है। साइकिल हो या हाथी किसी को भी अब बना साथी, लेकिन आपके स्वांग को देश जान चुका है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने गांव और किसानो की हालत सुधारने का संकल्प लिया और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है। देश की आठ करोड़ दलित वंचित महिलाओं को गैस का कनेक्शन मुफ्त में दिया गया। गरीबों को उनकी अपनी छत देने का काम किया जा रहा है। इस बार पहले की तुलना में छह गुना अधिक गेहूं की खरीददारी की गई है। अब किसानों को समय पर उचित मूल्य मिल रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिये बगैर मोदी ने कहा कि पहले के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्र से एक रुपया निकलता है तो गरीबों तक 15 पैसा पहुंचता है, हम पूछते हैं उस वक्त देश में सिर्फ उन्‍हीं की सरकार थी फिर भी कौन सा पंजा पैसा खा जाता था।

उन्होंने कहा कि 14 फसलों का समर्थन मूल्य करीब-करीब चार गुणा बढ़ा दिया गया। धान, मक्का, दाल और तेल वाली 14 फसलों के सरकारी मूल्य में 200 रुपए से 1800 रुपए की बढ़ोतरी इतिहास में पहले कभी नहीं हुई है। हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि अब गन्ने पर लागत मूल्य के ऊपर लगभग 80 प्रतिशत सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।

कांग्रेस पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए उन्होने कहा कि यह काम तो वह भी कर सकते थे जो घडिय़ाली आंसू बहा रहे मगर उनको किसानों की चिंता नहीं थी। हमारी सरकार ने तय किया है कि इस बार आप जो गन्ना बेचेंगे, उसका लाभकारी मूल्य 20 रुपए बढ़ाकर 275 रुपए प्रति कुंतल कर दिया जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चीनी के लिए एक न्यूनतम मूल्य तय किया गया, ताकि चीनी मिल वाले नुकसान का बहाना न बनाएं। चीनी निर्यात को भी खोला गया। हमनें किसानों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कराया। जो पुराना बकाया है वो लगातार कम हो रहा है। देश के करीब पांच करोड़ गन्ना किसानों के हित में फैसले लिए गए हैं। गन्ना किसानों को उनका बकाया जल्द से जल्द मिले इसके लिए अनेक उपाय किए गए हैं।

उन्होने कहा कि हमने देश के हर गांव हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम किया है। 18000 गांवों तक जब बिजली पहुंची तो उन लोगों ने ये बोलना शुरू कर दिया कि गांव में बिजली गई, लेकिन घरों तक नहीं पहुंची है। 70 सालों तक उन लोगों ने राज किया, लेकिन बिजली गांव और घरों तक बिजली नहीं पहुंचा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकारों ने दशकों से जो व्यवस्थाएं बना रखी थीं, जो गठजोड़ बना रखे थे, उनको तोड़ा जा रहा है। पहले की सरकारों ने जो हज़ारों करोड़ का बकाया छोड़ रखा था उसको निश्चित समय सीमा में निपटाए जाने की प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा कि अपूर्ण और असंवेदनशील सोच ने देश और देश के किसानों का बहुत बड़ा नुकसान किया। सिंचाई से जुड़ी परियोजना को दशकों तक पिछली सरकार ने लटकाए रखी। उनकी सरकार ने बिचौलियों और मुफ्तखोर लोगों का धंधा बंद करवा दिया ऐसे में वो हमें हटाना चाहते हैं।

मोदी ने कहा कि चार साल पहले भारत में 40 करोड़ लीटर से कम ऐथेनॉल पैदा होता था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के आने के बाद लिए गए फैसलों से इस साल के अंत तक 160 करोड़ लीटर तक ऐथेनॉल का उत्पादन पहुंचेगा। गन्ने से एथेनॉल बनाना और इसे पेट्रोल में मिक्स करने का निर्णय लिया गया।

चीनी मिलों को नई मशीनों के लिए आर्थिक मदद भी दी गई। जब आवश्यकता से अधिक चीनी की पैदावार होती है तो किसानों का पैसा फंस जाता है। इसलिए सरकार ने फैसला लिया कि गन्ने से सिर्फ चीनी ही नहीं, गाड़ियों के लिए ईंधन भी बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि चीनी के आयात पर शत-प्रतिशत शुल्क लगाया गया है जबकि 20 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी गई है। चीनी के लिए एक न्यूनतम मूल्य तय किया गया है ताकि चीनी मिल नुकसान का बहाना ना बना पाएं। प्रति क्विंटल पर 5.50 रुपए की अतिरिक्त मदद सीधे किसानों के खाते में जमा की जा रही है। सरकार की कोशिश है कि गन्ना किसान की एक-एक पाई उस तक समय पर पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरिया की नीम कोटिंग करने से यूरिया अब सिर्फ खेतों के काम में ही उपयोग होती है। इससे पहले यूरिया की मांग पूरी करने के लिए सरकार विदेशों से यूरिया लाने की कवायद करती थी क्योंकि देश में जो भी कारखाने थे वो सरकार की उदासीनता की वजह से बंद हो गए।

उनकी सरकार इन बंद कारखानों को खोलने का फिर से काम कर रही है, साथ ही नीम से भी लोगों को कमाई हो रही है। नीम की फली का तेल निकाल कर यूरिया की नीम कोटिंग की जाती है।