
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजसमंद में दिए भाषण की आलोचना पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीखा पलटवार किया। शेखावत ने कहा कि मोदीजी जनता के नेता हैं, किसी एक परिवार के नहीं। रही बात सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक बयान देने की तो पिछले सात दिन के राहत शिविरों में आपके बयान एक बार खुद भी सुन लीजिए, कितने गैर राजनीतिक थे।
सिलसिलेवार ट्वीट कर शेखावत ने कहा कि गहलोतजी, माननीय मोदीजी प्रधानमंत्री होने के नाते आपसे नहीं जनता से संवाद कर रहे थे। आप जिसे आलोचना कह रहे हैं, वो सच है। कांग्रेस को जब सत्ता मिली, उसने औरंगजेब की तरह तुष्टीकरण की नीतियां लागू कर दीं। आप और आपके नेता तो राम जन्मभूमि पर मंदिर भी नहीं देखना चाहते। जब-जब देश ने कांग्रेस के नेताओं की ओर उम्मीद से देखा, उन्हें धोखा मिला।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उदयपुर का कन्हैया की जघन्य हत्या, करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा के दंगे, जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों का छूट जाना, ताजा उदाहरण हैं कि कांग्रेस न्याय को भी तुष्टीकरण के तराजू से तौलती है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मोदीजी को जनता ने दो बार प्रचंड बहुमत से देश की बागडोर सौंपी है और आज आपके सामने उन्होंने जनता को अपना मालिक कहा। वहां बैठे-बैठे ये नहीं सुना आपने। जनता का मालिक हो जाना, आपको अखर रहा है। जनता अपना नेता तय करती है गहलोतजी, आप, मैं या कोई पार्टी नहीं। मुख्यमंत्री गहलोत को आईना दिखाते हुए शेखावत ने कहा कि जहां तक सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक बयान देने की बात है, पिछले सात दिन के राहत शिविरों में आपके बयान एक बार खुद भी सुन लीजिए, कितने गैर राजनीतिक थे।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर के राजाखेड़ा के पास महंगाई राहत कैंप में सभा कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस नेता सचिन पायलट समेत अपने कई विधायकों पर जमकर निशाना साधा था। उनका पूरा भाषण राजनीतिक था, जबकि यह कार्यक्रम सरकारी था। पिछले कुछ दिनों में ऐसे अनेक अवसर रहे हैं, जब मुख्यमंत्री ने सरकारी मंच से राजनीतिक भाषण दिए हैं।