ढाका | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगलादेश में सतखीरा जिले में स्थित यशोरेश्वरी काली शक्तिपीठ जाकर मां काली के दर्शन एवं पूजन अर्चन किया तथा विश्व को कोरोना के संकट से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
श्री मोदी बंगलादेश की दो दिन की सरकारी यात्रा पर कल यहां पहुंचे थे। यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत मां काली की आराधना के साथ हुई। श्री मोदी सुबह ढाका से हेलीकाॅप्टर द्वारा सतखीरा जिले के श्यामनगर पहुंचे और वहां से कार से मंदिर गये। मंदिर परिसर में श्री मोदी का पांरपरिक ढंग से भव्य स्वागत किया गया। भक्तों ने हाथ जोड़ कर उनका अभिवादन किया और शंखध्वनि एवं महिलाओं ने उलू ध्वनि से उनका स्वागत किया।
पौराणिक 51 शक्तिपीठों में से एक यशोरेश्वरी काली शक्तिपीठ में श्री मोदी ने मां को चांदी का बना सोने का पानी चढ़ा एक मुकुट भेंट किया जिसे एक स्थानीय सुनार ने तीन सप्ताह पहले हाथ से बनाया है। श्री मोदी ने मंदिर में पूजा करने के बाद कहा कि उन्होंने मां से प्रार्थना की है कि विश्व का कोरोना के कहर से मुक्ति दिलायें। उन्होंने कहा, “आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला। मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो इन 51 शक्तिपीठों में कभी न कभी जाकर अपना माथा टेकूं। आज मुझे मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला है। जब मैं 2015 में बंगलादेश आया था तो मुझे मां ढाकेश्वरी के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था।” उन्होंने कहा, “मानव जाति आज कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को इस कोरोना के संकट से जल्द मुक्ति दिलाएं।”
प्रधानमंत्री ने मैत्री भाव प्रदर्शित करते हुए मंदिर में एक ऐसे सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए अनुदान की घोषणा की जहां तूफान आने पर लोग शरण भी ले सकें। इस सामुदायिक भवन में भक्तगण वार्षिक काली पूजा का आयोजन कर सकेंगे और संकट की स्थिति में हर धर्म मजहब के लोग शरण ले सकेंगे।
उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त सीमा के उस पार से और यहां से भी आते हैं। यहां पर एक सामुदायिक हॉल की आवश्यकता है। ये बहुउद्देशीय हॉल हो ताकि जब काली पूजा के लिए लोग आएं तो उनके भी उपयोग में आए और सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक अवसर पर यहां के लोगों के काम आए और आपदा के समय खासकर चक्रवात के समय ये सामुदायिक हॉल सबके लिए आश्रय का स्थान बन जाए। मोदी ने कहा कि भारत यहां पर इस निर्माण कार्य को करेगी, मैं बंगलादेश सरकार का आभार मानता हूं कि उन्होंने इस काम के लिए हमारे साथ शुभकामनाएं प्रकट की हैं।”
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक अनाड़ी नाम के ब्राह्मण ने 12वीं सदी में कराया था। यह सौ द्वारों वाला मंदिर हुआ करता था जिसका पुनरुद्धार 13वीं सदी में बंगाल में सेन वंश के राजा लक्ष्मण सेन ने कराया था। 16वीं सदी में इसे बंगाल के ज़मींदार प्रतापादित्य ने जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर के दर्शन के उपरांत श्री मोदी गोपालगंज में ओरकांडी स्थित दुर्गा मंदिर भी गये और स्थानीय समुदाय के लोगों से भेंट की। गोपालगंज सैकड़ों हिंदू मतुआ समुदाय का निवास है। बड़ी संख्या में इस समुदाय के लोग पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।
इसके बाद श्री मोदी तुंगीपाड़ा स्थित बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के मजार के लिए रवाना हो गये जहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री शेख हसीना एवं उनकी बहन ने उनका स्वागत किया। श्री मोदी ने मजार पर पुष्पचक्र अर्पित करके दिवंगत नेता को अपनी श्रद्धांजलि दी और आगंतुक पुस्तिका में श्रद्धा के उद्गार अंकित किये। इसके बाद श्री मोदी ने वहां एक पौधा भी लगाया।