नयी दिल्ली । विपक्षी कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के दो अलग-अलग प्रस्ताव दिये गये हैं जिन्हें लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विचारार्थ स्वीकार कर लिया।
प्रश्नकाल के तुरंत बाद खड़गे ने कहा कि नियम 220 के तहत वह मामला उठा रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन को गुमराह करने वाला बयान दिया है। इस बीच ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल सौदे को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुये विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।
दोनों प्रस्तावों को अध्यक्ष ने विचारार्थ स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव उनके पास विचाराधीन हैं और वह जल्द ही उन पर उचित निर्णय लेंगी।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने आपत्ति व्यक्त की कि सत्ता पक्ष की ओर से केवल एक प्रस्ताव स्वीकार किया है जबकि विपक्ष की ओर से दो प्रस्ताव। लेकिन, श्रीमती महाजन ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सदस्यों की ओर से पाँच प्रस्ताव प्रधानमंत्री के विरुद्ध और पाँच अलग प्रस्ताव रक्षा मंत्री के विरुद्ध पेश किये गये थे जिनमें से उन्होंने प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री यानी दो अलग-अलग व्यक्तियों के विरुद्ध एक-एक प्रस्ताव को स्वीकार किया है जबकि सत्ता पक्ष की ओर से पार्टी के मुख्य सचेतक अनुराग ठाकुर से एक ही व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के विरुद्ध चार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसलिए उन्होंने एक प्रस्ताव ही स्वीकार किया है। इस प्रकार से एक-एक व्यक्ति के विरुद्ध एक-एक प्रस्ताव ही स्वीकार किया गया है।
इसके बाद ठाकुर ने एक पंक्ति में अपना वक्तव्य पढ़ा कि श्री राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर सदन को गुमराह करने वाला तथ्यहीन बयान दिया है जिस पर फ्रांस के राष्ट्रपति को भी बयान जारी करके खंडन करना पड़ा है जिससे देश की बदनामी हुई है। इसलिए श्री गाँधी के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।