गुवाहाटी। पाकिस्तान की गिरफ्त से छूटे एक मछुआरे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थक होने पर वहां वहां की जेल में प्रताड़ना मिलती है।
पाकिस्तान की जेल में एक साल बिताने के बाद असम के मछुआरे सिमांता सैकिया गुरुवार शाम गोलघाट जिले में अपने घर लौट आए।
सैकिया पांच जनवरी को भारत पहुंचे और राज्य के उत्सव फसल भोगली के अवसर पर अपने परिवार एवं पड़ोस की खुशियां बढ़ाते हुए घर लौट आये। सैकिया और छह अन्य मछुआरों की नाव ने पाकिस्तानी जलसीमा को पार किया था जिसके बाद 28 अक्टूबर 2018 को अरब सागर से उन्हें पकड़ कर जेल में डाल दिया गया।
इसी स्थिति में 20 अन्य मछुआरों भी पकड़े गए थे जिन्हें सैकिया के साथ पड़ोसी मुल्क ने छोड़ दिया। सैकिया ने स्थानीय टीवी चैनल को अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारे पकड़े जाने के बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने जानना चाहा कि हम मोदी के आदमी हैं या फिर राहुल गांधी के।
मोदी के आदमी होने से उनका मतलब था कि क्या हम गुजरात से हैं, जिन्होंने कहा कि वह मोदी के आदमी हैं, उन्हें बहुत पीटा गया, मैंने कहा कि मैं मोदी का आदमी नहीं हूं तो उन लोगों ने मुझे नहीं मारा।
सैकिया ने आरोप लगाया कि उससे बहुत कठिन कार्य कराए जाते थे और उन्हें खाने के लिए नाममात्र का भोजन दिया गया और किसी भी तरह की आपत्ति जताने पर गार्ड उन्हें बहुत पीटते थे।
अपने एक साल के पुत्र को गुरुवार को पहली बार देखने वाले सिमांता सैकिया ने अपनी रिहाई के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का आभार जताया जिन्होंने उन्हें आर्थिक मदद भी प्रदान की है।