जूनागढ़ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के अपने सरकार के लक्ष्य को असंभव बताने वाले कथित अर्थशास्त्रियों को आज निराशावादी करार दिया।
मोदी ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनकी ने यह लक्ष्य रखा है पर बड़े-बड़े कथित अर्थशास्त्री कहते हैं कि ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘निराशा में डूबे ये लोग न तो यह सुनते है कि हम क्या कह रहे हैं न यह समझना चाहते हैं कि हम क्या कर सकते हैं।’ उन्हाेंने कहा कि देश के किसानों में अपने पसीने के दम पर बंजर भूमि में सोने जैसी फसले उगाने का दम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन जैसे कृषि सहायक काम को प्रोत्साहन देने से मात्र एक साल में शहद का निर्यात दोगुना हो गया है और यह अतिरिक्त आय किसानों को ही हुई है। किसान सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से लागत घटाने में भी जुटे हैं। उनकी सरकार ने लंबे समय से फाइलों में लटकी लागत की डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना को अमली जामा पहनाया है।
मोदी ने कहा कि किसानों को वर्षा की निर्भरता से बचाने के लिए व्यापक सिंचाई व्यवस्था की जरूरत है और उनकी सरकार ने पिछले तीस से 40 साल से लटकी एक लाख करोड़ की लागत वाली 99 सिंचाई योजनाओं को ढूंढा है और इसे पूरा किया जायेगा। उनकी सरकार देश के सर्वांगीण विकास और सामान्य लोगों को आधुनिकता की तरफ ले जाने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में डेयरी उद्योग नहीं चलाने के लिए पूववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र में भी डेयरियां हैं और गुजरात की डेयरी का दूध सुदूर उत्तर प्रदेश और उनके निर्वाचन क्षेत्र बनारस तक में मिलता है।