नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठने और तीन तलाक विधेयक पारित करने में सरकार की मदद करने का ‘विनम्र निवेदन’ किया। मोदी ने बजट सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर ‘स्वस्थ बहस करने का भी आग्रह किया जिससे बजट के अधिकतम आर्थिक लाभ दलितों और गरीब किसानों तक पहुंच सकें।’
मोदी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने प्रयास किया था कि ‘देश की ऊंची उम्मीदों’ के कारण गंभीर मुद्दों जैसे तीन तलाक विधेयक को पारित कराने के दौरान कोई राजनीति न हो।
इस विधेयक में तीन तलाक को दंडनीय बनाने और ऐसा करने वाले मुस्लिम पतियों को जेल भेजने का प्रावधान है। विधेयक के इस प्रावधान का विरोध हो रहा है। विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है जहां सरकार बहुमत में है लेकिन राज्यसभा में इसे पारित नहीं करा सकी है जहां वह बहुमत में नहीं है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद तीन तलाक विधेयक संसद द्वारा पारित नहीं हुआ और मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया गया।
उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं और साथ ही देश के सभी राजनीतिक दलों से विनम्र अनुरोध करता हूं कि वे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक विधेयक पारित कराएं। यह वास्तव में मुस्लिम महिलाओं के लिए नए साल 2018 का सबसे अच्छा उपहार होगा।
मोदी ने ‘विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत के बारे में सकारात्मक राय देने के’ हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि बजट सत्र महत्वपूर्ण है और पूरी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आशावान है।
मोदी ने कहा कि बजट भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान करेगा और आम आदमी की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि बजट एक ऐसी प्रक्रिया है जहां राष्ट्रीय हित राजनीतिक हित से ऊपर होते हैं।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से स्थायी समिति की बैठकों के दौरान बहस में अधिकतम हिस्सा लेने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि बजट से आम आदमी को किस प्रकार लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि बजट के अधिकतम लाभ दलितों, पीड़ितों, वंचित लोगों तक पहुंच सकें।