ह्यूस्टन पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिनोंदिन विश्व स्तर पर बढ़ रही लोकप्रियता पच नहीं रही और इसे लेकर वहां के मंत्री अपनी खीज उतारने का कोई मौका नहीं चूकते हैं।
अमेरिका के ह्यूस्टन में रविवार को श्री मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एनआरजी स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस कार्यक्रम में अमेरिका में रहने वाले 50 हजार से अधिक भारतीयों ने शिरकत की थी। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान समेत उनके मंत्री बुरी तरह बौखलाए हुए हैं और मानवाधिकारों के हनन की दुहाई देकर विश्व मंचों पर सहानुभूति बटोरने में लगे हैं किंतु हर जगह असफलता और निराशा ही हाथ लगी है।
श्री मोदी पर बार बार विवादस्पद टिप्पणी कर किरकरी कराने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद हुसैन चौधरी हाउडी मोदी कार्यक्रम की अपार सफलता से खिसिया गए और इसे असफला बता कर एक बार अपनी खीज प्रकट की।
उन्होंने ट्वीट किया,“अरबों रुपए खर्च करने के बाद भी मोदी जनता का निराशाजनक शो। यह लोग केवल यही कर सकते हैं, अमेरिका, कनाडा और अन्य स्थानों से भीड़ जुटा सकते हैं, किंतु यह शो यह दर्शाता है कि पैसे से सब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है।” ट्विट में हैशटैग मोदी ह्यूस्टन का इस्तेमाल किया गया है।
गौरतलब है कि श्री ट्रंप ने अपने संबोधन में कश्मीर का कोई जिक्र नहीं किया और पाकिस्तान का उल्लेख किये बिना अमेरिका-भारत के एकजुट होकर इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका को अपनी अपनी सीमाओं की सुरक्षा की जरूरत है।
श्री मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले से राज्य के लोगों को बाकी देशवासियों के बराबर अधिकार मिल गये हैं तथा अब आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का वक्त आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की माैजूदगी में टेक्सास प्रांत की राजधानी ह्यूस्टन मेें 50 हजार से अधिक भारतीय अमेरिकी समुदाय के सामने श्री मोदी ने जम्मू कश्मीर को लेकर अपना पक्ष जोरदार ढंग से पेश किया और पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से उन लोगों को तकलीफ हो रही है जिनसे अपना देश नहीं संभल रहा है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आह्वान किया और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस लड़ाई में मजबूत साथी बताया।