मोंगा, हरियाणा | मोंगा जिले के रणसिंह कलां गांव के लोगों ने अपनी कोशिशों से ही गांव को स्मार्ट बना दिया है। इस गांव में अब आपको न तो कहीं गंदगी दिखेगी, न ही कहीं कच्ची गलियां मिलेंगी, गांव में 5 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है और इसका 80% खर्च खुद गांव के लोगों ने ही उठाया है। अब यहाँ महिलाओं के लिए अलग जिम और एक स्मार्ट प्राइमरी स्कूल बनाने की तैयारी चल रही है।
कुछ समय पहले पर्यावरण की शुद्धता के लिए गाँव में 3000 पौधे लगाए गए थे। ये अब पेड़ बन गए हैं। यदि गाँव के बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति गिलास में कुछ पानी छोड़ता है, तो घर में उगी सब्जियों को सींचने के लिए इस बचे हुए पानी का उपयोग करना एक परंपरा बन गई है।
ग्रामीणों ने पहले 4 एकड़ में फैले गाँव के तालाब की सफाई की, फिर इसे सीवरेज सिस्टम से जोड़ा। अब गांव की हर बूंद का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है। सभी गलियों को पक्का बनाया गया है। इस सभी कार्य की लागत लगभग 5 करोड़ रुपये है, जिसमें से 20% सरकार द्वारा दिया गया है और शेष 80% का योगदान गांव के लोगों द्वारा किया गया है। झील के चारों ओर पंजाब के इतिहास को दर्शाती कलाकृतियाँ बनाई जा रही हैं। इसी समय, झील के बीच में डायनासोर की एक बड़ी प्रतिकृति डाली जा रही है।