काबुल/लंदन। विश्वकप में लगातार खराब प्रदर्शन कर रही अफगानिस्तान क्रिकेट टीम अपने ही विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद शहजाद के आरोपों से विवाद में फंसती नजर आ रही है। शहजाद ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें फिट होने के बावजूद टीम से बाहर किया गया है।
शहजाद ने दावा करते हुए कहा कि वह फिट हैं लेकिन उन्हें साजिश के तहत चोटिल बताकर टीम से बाहर किया गया है। हालांकि एसीबी का कहना है कि शहजाद के चोटिल होने के कारण ही उन्हें टीम से बाहर किया गया है और उनकी जगह इकराम अलीखिल को टीम में शामिल किया गया।
विकेटकीपर बल्लेबाज 32 वर्षीय शहजाद 24 मई को पाकिस्तान के साथ हुए विश्वकप अभ्यास मैच के दौरान रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। हालांकि उसके बाद उन्हें अपनी टीम के पहले दो विश्वकप मुकाबले खेले थे। पाकिस्तान के खिलाफ अभ्यास मैच के बाद उनके घुटने का स्कैन कराया गया था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में शहजाद शून्य के स्कोर पर आउट हुए जबकि श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 12 गेंदों में मात्र सात रन बनाए थे। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान विश्वकप में अपने तीन मुकाबले हार चुका है।
शहजाद ने अब दावा करते हुए कहा है कि वह फिट हैं जबकि एसीबी के मुख्य कार्यकारी असादुल्लाह खान ने शहजाद के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें टीम से बाहर उनके चोटिल होने के कारण किया गया है और इसमें किसी तरह की साजिश नहीं की गई है।
शहजाद ने कहा कि मुझे 2015 के विश्वकप टीम में भी शामिल नहीं किया गया था और इस बार भी ऐसा ही किया जा रहा है। मैंने अपने परिवार और दोस्तों से इस बारे में चर्चा की है। अब मेरा दिल क्रिकेट में नहीं लगता।
एसीबी के असादुल्लाह ने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्हें किसी साजिश के तहत बाहर किया गया है। हमने आईसीसी को उनके चोटिल होने की मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी और काफी गहन चर्चा के बाद उन्होंने हमें खिलाड़ी बदलने की इज्जाजत दी थी। वह हमारे अहम खिलाड़ी हैं जो बल्लेबाजी में बेहतरीन कर सकते हैं। अपने मुख्य खिलाड़ी को टीम से बाहर रखना हमारे लिए भी बेहद मुश्किल निर्णय था।
उन्होंने कहा कि अब हम इस खेल के स्थायी सदस्य हैं और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू क्रिकेट में फिटनेस हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। हम चोटिल खिलाड़ियों के साथ नहीं खेल सकते। हम जानते थे शहजाद फिट नहीं है लेकिन उन्हें दो मैचों में खेलाया गया। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं किया जा सकता।
अफगानिस्तान वापस जाने के बाद शहजाद ने काबुल में मीडिया से बात करते हुए एसीबी के शीर्ष प्रबंधकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं लंदन में डॉक्टर के पास गया था और उन्होंने मेरे घुटने में कुछ चोट की बात बताई थी और दवाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मैं दो-तीन दिन के आराम के बाद क्रिकेट खेल सकता हूं।
अफगान बल्लेबाज ने कहा कि मैंने अभ्यास सत्र में भाग लिया, जहां मैंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी का अभ्यास किया। इसके बाद मैंने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ दोपहर का भोजन भी किया और टीम की बस में बैठकर होटल चला गया। इसी बीच मुझे मेरे फोन पर आईसीसी की विज्ञप्ति आयी जिसमें लिखा था कि मैं विश्वकप से बाहर हो गया हूं और मुझे तब पता चला कि मैं फिट नहीं हूं।
उन्होंने कहा कि मैंने मैनेजर से पूछा, जिन्होंने मुझे अपना फोन जेब में रखने और डॉक्टर से बात करने को कहा। डॉक्टर ने मेरी तरफ असहाय नजरों से देखा और कहा कि मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। मुझे नहीं पता कि आखिर क्या दिक्कत है। अगर उन्हें कोई दिक्कत है तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए। अगर वह नहीं चाहते कि मैं खेलूं तो मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा।
शहजाद ने कहा कि मैं अब खुद को कभी खेलते हुए नहीं देखना चाहता। मेरा सपना था विश्वकप में खेलना। मुझे 2015 विश्वकप से भी बाहर रखा गया और अब इस बार भी ऐसा ही किया गया। मैंने अपने परिवार और दोस्तों से बात की है। मैं अब और नहीं खेलना चाहता।
शहजाद इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। आईसीसी ने 2017 में डोपिंग के उल्लंघन के मामले में उन्हें खेलने से रोक दिया था। पिछले साल उन्हें एसीबी की आचार संहिता तोड़ने का भी दोषी पाया गया था। गौरतलब है कि शहजाद अफगानिस्तान के सर्वश्रेष्ठ वनडे स्कोरर हैं। उन्होंने 84 मैचों में 33.66 के औसत से 2727 रन बनाए हैं।