साउथम्पटन। विश्वकप इतिहास में हैट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने मोहम्मद शमी ने खुलासा किया है कि उन्होंने विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी की सलाह को ध्यान में रखा और परफेक्ट यार्कर डालकर अपनी हैट्रिक पूरी की।
भारत ने विश्वकप में अफगानिस्तान को कल रोमांच मुकाबले में 11 रन से पराजित किया था और शमी ने इस मैच में हैट्रिक लेकर अफगानिस्तान की पारी समेट दी थी। अफगानिस्तान को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे और उसके पास तीन विकेट बाकी थे।
शमी ने तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर विकेट लेकर हैट्रिक पूरी की और चेतन शर्मा के 1987 के विश्वकप में हैट्रिक लेने का कारनामा करने के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने।
शमी ने मैच के बाद कहा कि जब आपको कम स्कोर का बचाव करना होता है तो आपके सामने कई चुनौतियां होती हैं। लेकिन जब आपके पास जसप्रीत बुमराह जैसा गेंदबाज 49वां ओवर डाल रहा हो तो आपके लिए राहत की बात होती है।
हैट्रिक का एहसास सुखद है और विश्वकप में हैट्रिक मिलने से खुशी और बढ़ जाती है। मैं जब आखिरी गेंद डाल रहा था तो मेरे दिमाग में धोनी की सलाह थी। उन्होंने कहा था कि विश्वकप में हैट्रिक दुर्लभ होती है, तुम सिर्फ यार्कर डालो। यह तुम्हारा मौका है और मैंने ऐसा ही किया।
शमी ने मुजीब उर रहमान को लेग स्टंप पर शानदार यार्कर डाली, रहमान ने अपना बल्ला जैसे आंख बंद कर घुमाया और बोल्ड हो गए। इस हैट्रिक के साथ ही शमी का नाम भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
शमी ने इस मुकाबले में चार विकेट लिए लेकिन मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार एक ओवर में दो विकेट निकालने वाले और बेहतरीन 49वां ओवर फेंकने वाले जसप्रीत बुमराह को दिया गया। शमी ने बुमराह को भी धन्यवाद दिया कि उनके 49वें ओवर के बेहतरीन प्रयास के कारण ही उन्हें आखिरी ओवर में 16 रन बचाने को मिले।
जमे हुए बल्लेबाज मोहम्मद नबी ने आखिरी ओवर में शमी की पहली गेंद पर चौका मारकर अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन शमी ने वापसी करते हुए तीसरी गेंद पर नबी, चौथी गोंद पर आफताब आलम और पांचवीं गेंद पर मुजीब के विकेट लेकर अपनी हैट्रिक पूरी की और भारतीय प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दे दिया जो इससे पहले तक भारत की जीत को लेकर चिंता में पड़े थे।
शमी के लिए पिछले एक साल में काफी बदलाव आया है। एक साल पहले जून 2018 में उनकी पत्नी ने उनपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था जिसके बाद उनका केंद्रीय अनुंबध रोक दिया गया था। उनका वजन बढ़ गया था और वह अनिवार्य यो-यो टेस्ट पास करने में विफल रहे थे।
उनकी गति में गिरावट आई थी और उनके चयन पर भी सवाल उठने लगे थे। लेकिन उन्होंने अपनी फिटनेस पर मेहनत की और चयनकर्ताओं ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ अक्टूबर में घरेलू सीरीज में मौका दिया और शमी ने फिर इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शमी की फिटनेस और विकेट हासिल करने के लिए उनकी भूख की सराहना की थी। शमी को इस विश्वकप में इस मैच से पहले तक मौका नहीं मिल पाया था लेकिन भुवनेश्वर कुमार के चोटिल हो जाने के बाद उन्हें इस मैच में मौका मिला और उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया।