मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कथित धनशोधन मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश आरएनआर ओकाडे ने आदेश सुनाते हुए कहा कि जांच एजेंसी द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। पूर्व गृह मंत्री को ईडी ने पिछले साल दो नवंबर को गिरफ्तार किया था और वर्तमान समय में वह न्यायिक हिरासत में हैं।
उन्होंने अपने आवेदन में तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम के मामलों की विशेष अदालत ने उन्हें आगे की न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत वह 60 दिनों की वैधानिक अवधि के भीतर जमानत के हकदार हैं।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि देशमुख के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पिछले साल 29 दिसंबर को दायर किया गया था, जो उनकी गिरफ्तारी की तारीख से 60 दिनों की अवधि के भीतर था।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने पिछले साल एक नवंबर को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और करीब 12 घंटे तक पूछताछ के बाद उन्हें अगले दिन आधी रात के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके बाद एक अदालत ने पिछले साल छह नवंबर तक ईडी को देशमुख की हिरासत की अनुमति दी थी।