सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू की मॉनीटरिंग कमेटी के अध्यक्ष सुधीर जैन ने मंगलवार को कमिटी की अगली बैठक आहूत करने के लिए ऐजेंडा जारी करते हुए समिति सचिव जिला कलेक्टर को शीघ्र अगली बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया है।
इस ऐजेंडे के साथ ही सोशल मीडिया पर मॉनीटरिंग कमेटी की 30 दिसम्बर 2022 की प्रोसिडिंग को राजस्थान उच्च न्यायालय के द्वारा स्टे किए जाने की वायरल खबरों को भी विराम दे दिया है।
समिति अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि अगली प्रस्तावित बैठक में 14 दिसम्बर 2022 और इससे पहले आयोजित मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में लिए गए निर्यणों की चर्चा एवं पुष्टि की जाएगी। इसके अलावा सामुदायिक शौचालय पर चर्चा एवं निर्णय, ठोस कचरा निष्पादन, ईको फ्रेंडली हाउस, हाईमास्ट लाइट, रिपेयर मेंटेनेंस के मलबे के निष्पादन, ओएफसी केबल ठेेकेदार द्वारा बार-बार रोड खोदने के समाधान, पैराग्लाडिंग चलाने तथा व्यावसायिक भवनों में लिफ्ट लगाए जाने पर चर्चा एवं निर्णय करने के मुद्दों को एजेंडे में शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि माउण्ट आबू की ही एक होटल व्यवसाई के द्वारा अप्रेल में याचिका लगाकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी मॉनीटरिंग कमेटी के नोटिफिकेशन में अध्यक्ष पद की योग्यता व इसके बाद मॉनीटरिंग कमेटी गठित करने के नोटिफिकेशन पर स्टे लाने की याचिका लगाई थी जिस पर न्यायालय में वाद विचाराधीन है।
समिति अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि अगली प्रस्तावित बैठक में 14 दिसम्बर 2022 और इससे पहले आयोजित मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में लिए गए निर्यणों की चर्चा एवं पुष्टि की जाएगी। इसके अलावा सामुदायिक शौचालय पर चर्चा एवं निर्णय, ठोस कचरा निष्पादन, ईको फ्रेंडली हाउस, हाईमास्ट लाइट, रिपेयर मेंटेनेंस के मलबे के निष्पादन, ओएफसी केबल ठेेकेदार द्वारा बार-बार रोड खोदने के समाधान, पैराग्लाडिंग चलाने तथा व्यावसायिक भवनों में लिफ्ट लगाए जाने पर चर्चा एवं निर्णय करने के मुद्दों को एजेंडे में शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि माउण्ट आबू की ही एक होटल व्यवसाई के द्वारा अप्रेल में याचिका लगाकर केन्द्र सरकार द्वारा जारी मॉनीटरिंग कमेटी के नोटिफिकेशन में अध्यक्ष पद की योग्यता व इसके बाद मॉनीटरिंग कमेटी गठित करने के नोटिफिकेशन पर स्टे लाने की याचिका लगाई थी जिस पर न्यायालय में वाद विचाराधीन है।
इस बीच मंगलवार को एक और आदेश वायरल हो रहा है जिसमें मॉनीटरिंग कमेटी में शौचालयों के निर्माण, नए निर्माण के लिए एनजीटी के आदेशानुसार जोनल मास्टर प्लान को अपडेट करने, जानलेवा बन चुके जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण, 2009 के पहले के निर्माणों की कम्पाउंडिंग जैसे जनहित के निर्णयों को निरस्त करने करने का वाद लगाने की बात सामने आ रही है।
इस वायरल आदेश के बीच मॉनीटरिंग कमेटी के अध्यक्ष के द्वारा अगली बैठक के एजेंडा निकालकर शीघ्र बैठक करने का अनुरोध ने इस चर्चाओं को विराम सा दे दिया है।