Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
मानसून सत्र 2021 : हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन - Sabguru News
होम Breaking मानसून सत्र 2021 : हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन

मानसून सत्र 2021 : हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन

0
मानसून सत्र 2021 : हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का पहला दिन

नई दिल्ली। मानसून सत्र के पहले दिन आज विपक्षी दलों ने किसानों से जुड़े मसलों, महंगाई और अन्य मुद्दों पर जमकर हंगामा किया जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कार्यवाही दो बार तथा राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगति करनी पड़ी।

इस दौरान लोकसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका। किसानों से जुड़े मुद्दों, पेट्रोल-डीजल की महंगाई तथा अन्य मसलों पर विपक्षी दलों के जोरदार हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न बने मंत्रियों का सदन से परिचय भी नहीं करा सके।

राज्यसभा में मंत्रिपरिषद् में हाल ही में शामिल एक नए मंत्री की नागरिकता को लेकर विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी पर भी हंगामा हुआ। हंगामे और शोर-शराबे के बीच ही नाैचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पेश किया गया और इस पर थोड़ी देर चर्चा भी हुई जो अधूरी रही।

लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने चार नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। इसके बाद सदन ने 17वीं तथा पिछली लोकसभाओं के उन सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जो हाल के दिनों में दिवंगत हुए हैं। इसके बार प्रधानमंत्री नए मंत्रियों का परिचय कराने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण वे अपनी बात नहीं कह सके। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

किसानों, महंगाई, पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर विपक्ष के हंगामे को लेकर लोकसभा की कार्यवाही लगातार दूसरी बार डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। अपराह्न दो बजे कार्यवाही दुबारा शुरू होने पर एक बार फिर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) आदि विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के करीब जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे।

उन तख्तियों में किसानों, पेट्रोल डीजल के दामों, महंगाई को लेकर नारे लिखे हुए थे। पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। इस पर उन्होंने अपराह्न साढ़े तीन बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।

अपराह्न साढ़े तीन बजे भी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, शिरोमणि अकाली दल एवं वामदलों के सदस्यों ने आसन के आसपास जमा होकर नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उन्हें हर विषय और मुद्दे पर चर्चा करने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी कहा कि वह सदन को पुन: आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

इस दौरान संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शोरशराबे के बीच ही इजराइली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके राजनीतिज्ञों, पत्रकारों एवं अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों की जासूसी कराने के आरोपों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर एक बयान पढ़कर सरकार की स्थिति स्पष्ट की।

उन्होंने रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि इस सनसनी के पीछे जो भी कारण हो, पर कोई भी तथ्य नहीं है। भारत में स्थापित प्रोटाेकोल के कारण अवैध रूप से किसी की जासूसी या निगरानी करना संभव नहीं है। विपक्षी दलों का हंगामा कम नहीं होता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा देने, पत्रकारों की कथित जासूसी, नए मंत्री की नागरिकता और अन्य मुद्दों काे लेकर जमकर हंगामा किया। तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्नन में उप सभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही चलानी चाही तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं, पहले उन पर चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा और अन्य विपक्षी दलों ने भी ने उनका समर्थन किया। उप सभापति हरिवंश ने कहा कि इस मुद्दे का निपटारा सभापति सुबह कर चुके हैं और इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती।

इसके बाद उन्हाेंने पोत, जहाजरानी एवं बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को नाैचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक 2021 पेश करने के लिए पुकारा। इससे नाराज विपक्ष के सदस्य नारे लगाते हुए सभापति के आसन के समक्ष आ गए। उप सभापति ने सदस्यों ने शांत होने और अपनी सीटों पर वापस लौटने की अपील की। सोनोवाल ने विपक्ष के शाेरगुल और हंगामें बीच विधेयक पेश किया और इस पर चर्चा शुरू हो गई।

इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा भी जारी रहा। लगातार हंगामे की स्थिति को देखते हुए उप सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। विधेयक पर चर्चा अधूरी रही।

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने मंत्रिपरिषद् में हाल ही में शामिल किए गए एक नए राज्य मंत्री की नागरिकता को लेकर सदन में सवाल उठाया गया। उप सभापति ने सदस्यों से कहा कि वे सदन के समक्ष मुद्दे पर ही व्यवस्था का सवाल उठा सकते हैं। इस पर खडगे ने कहा कि सदस्य ने वाजिब सवाल उठाया है और उन्हें भी केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री की नागरिकता के बारे में जानने का हक है।

सदन के नेता पीयूष गोयल ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा करते हुये कहा कि यह बात सत्य नहीं है और इसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक आदिवासी नेता को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया है और सदस्य का उन पर सवाल उठाया जाना उनका तथा उनके समुदाय का अपमान है। उन्होंने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा न थमता देख हरिवंश ने सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी थी।