मूडीज का भारत को झटका : तीन महीनों से आर्थिक मंदी झेल रही भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी थी लेकिन अब मूडीज ने फिर एक बार भारत को झटका दे दिया है । मंदी का दंस झेल रहे भारत काे अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटा कर ‘स्टेबल’ से ‘नेगेटिव’ कर दी है । इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का बेहद धीमी गति से बढ़ना और लगातार बढ़ता सरकार का कर्ज माना गया है ।
पिछले तीन महीने से जारी भारत में आर्थिक मंदी को लेकर विपक्ष के द्वारा केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया गया था । तब जाकर वित्त मंत्रालय ने आर्थिक सुधार पर सरलीकरण नीति अपनाई थी । इससे धीरे-धीरे भारत में सामान्य हालात होते जा रहे थे लेकिन भारत की उम्मीदों पर एक बार फिर रेटिंग कंपनी मूडीज ब्रेक लगा दिया है । मूडीज का मानना है कि भारत में चल रही मंदी लंबी अवधि वाली है । मूडीज के अनुमान के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान है।
इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती है । वहीं मूडीज की तरफ से भारत की रेटिंग घटाए जाने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी के साथ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है । आईएमएफ ने अपने हालिया वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक में कहा है कि साल 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि 2020 में अर्थव्यवस्था 7 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी ।
भारत सरकार का दावा, जल्द ही आर्थिक मंदी होगी दूर
देश की आर्थिक मंदी को लेकर भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है । रेटिंग कंपनी मूडीज के बयान के बाद भी वित्त मंत्रालय का दावा है कि जल्द ही देश से आर्थिक मंदी दूर हो जाएगी । वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं । साथ ही वित्तीय क्षेत्र के लिए भी तमाम कदम उठाए गए हैं । वैश्विक मंदी के चलते भारतीय सरकार ने बहुत से नीतिगत फैसले भी लिए हैं । इन सब के चलते भारत में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और निवेश को गति मिलेगी । दूसरी ओर कुछ माह से सुस्त पड़े भारतीय बाजार में अभी हालात जस के तस बने हुए हैं ।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार