नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने सोमवार चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास अनुमान पहले के 6.6 प्रतिशत की तुलना में एक प्रतिशत से अधिक घटाकर 5.4 प्रतिशत करते हुए कोरोना वायरस को लेकर भी चिंता व्यक्त की है।
एजेंसी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार बहुत सुस्त रहने की आशंका है और इसी के आधार पर अनुमान को घटाया गया है। यही नहीं मूडीज ने 2020-21 के जीडीपी अनुमान को भी करीब एक प्रतिशत घटाकर 6.7 प्रतिशत से 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
चीन के कोरोना वायरस से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर के संबंध में मूडीज ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता जैसे ही दिखाई देने लगी थी, कोरोना वायरस का साया मंडारने लगा है। एजेंसी ने आशंका जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर आने की गति बहुत सुस्त रह सकती है। मूडीज ने कहा है कि कोरोना वायरस से विश्व भर की वृद्धि प्रभावित होगी और इस कारण एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने की गति धीमी रहने की आशंका है।
मूडीज ने चीन की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभाव के संबंध में कहा है कि इसके बारे में अभी से कोई अनुमान व्यक्त करना अभी जल्दबाजी होगी।
एजेंसी ने हालांकि कहा है कि हाल में आए भारतीय अर्थव्यवस्था के जो वित्तीय आंकड़े आए थे उनमें सुधार से उम्मीद बंधी है और इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर गति पकड़ सकती है। मूडीज का मानना है 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार दिखना शुरू हो सकता है, लेकिन इसकी गति पहले के अनुमान के मुकाबले कम होगी।
मूडीज ने कहा, पीएमआई आंकड़े जैसे संकेतकों में सुधार इस बात का संकेत करते हैं कि अर्थव्यवस्था स्थिर हुई है। अर्थव्यवस्था में चालू तिमाही में ही सुधार नजर आने लगता लेकिन रफ्तार पहले की तुलना में धीमा रहेगा।