Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश
होम India न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश

न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश

0
न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश
न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश
न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश
न्यायालयों में और बेहतर संरचनाएं व सुविधाएं समय की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश

जबलपुर । उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा है कि न्यायालयों में और बेहतर आधारभूत संरचनाएं और अाधुनिक संसाधन मुहैया कराना समय की जरूरत है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश श्री मिश्रा ने कल मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक सौ 92 करोड़ रूपयों की लागत से तैयार किए गए जिला एवं सत्र न्यायालय भवन के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में न्यायालय रूम वातानुकूलित होना चाहिए। अधिवक्ताओं के पास चैंबर होना चाहिए। पक्षकार चैंबर में बैठकर अधिवक्ता से प्रकरण के संबंध में चर्चा कर सके।

उन्होंने कहा कि दीवानी और फौजदारी मामले सबसे पहले जिला अदालत में आते हैं, इसलिए देश के सभी जिला न्यायालयों में यह सुविधाएं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जबलपुर में नवनिर्मित न्यायालय भवन देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। अन्य राज्यों में भी ऐसे ही जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का निर्माण होना चाहिए। ऐसा होने से पक्षकार, अधिवक्ता और न्यायिक अधिकारियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनिर्मित कोर्ट बिल्डिंग में अधिवक्ताओं को बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध करवाने की बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार शीघ्र ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करेगी। उन्होंने राज्य के मंदसौर में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की कोशिश की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आरोपी हैवान है।

ऐसे मामलों में जिला अदालत स्तर पर तो दोषियों को फांसी जैसी सख्त सजा शीघ्र सुना दी जाती है, लेकिन उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में समय लग जाता है। इसलिए ऐसे मामलों के लिए उच्च और उच्चतम न्यायालयों में भी फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होना चाहिए। ऐसा होने पर दोषियों को जल्दी ही उनके अंजाम तक पहुंचाने का रास्ता साफ हो सकेगा।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता ने कहा कि नवनिर्मित कोर्ट बिल्डिंग में 81 कोर्ट रूम है। इसके निर्माण से गरीब और पीडित पक्षकारों को राहत मिलेगी। इस मौके पर अनेक वरिष्ठ न्यायाधीश, अधिवक्ता और न्याय जगत से जुड़े प्रमुख अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद थे।