नई दिल्ली। स्व-रोजगार को प्रोत्साहन देने वाली प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत 10 कराेड 17 लाख उद्यमियों को 4.53 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।
सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मुद्रा योजना से युवा उद्यमियों में खासा उत्साह देखा गया है क्योंकि इसमें ऋण लेने के लिए किसी विशेष कागजात की जरुरत नहीं होती है। इसके अलावा ब्याज का भुगतान भी मूलधन के घटते हुए क्रम में होता है। मुद्रा ऋण के लिए किसी सरकारी बैंक में आवेदन किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत नए उद्यमियों को कारोबार शुरू करने और स्थापित उद्यमियों को कारोबार बढ़ाने के लिए ऋण प्रदान किया जाता है। इसमें अधिकतम 10 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं।
मुद्रा ऋण को तीन श्रेणियों शिशु ऋण, किशोर ऋण तथा तरुण ऋण में बांटा गया है। पचास हजार रुपए तक के ऋण को शिशु ऋण, 50 हजार रुपए से पांच लाख रुपए तक के ऋण को किशोर ऋण तथा पांच लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक के ऋण को तरुण ऋण कहा जाता है।
सूत्रों ने बताया कि उद्यमियों का मुद्रा ऋण की ओर आकर्षित होने का मुख्य कारण इसका न्यूनतम ब्याज होना है। इसके अलावा ब्याज की वसूली मूलधन के घटते हुए क्रम में की जाती है। ऋण की वापसी के लिए उद्यमियों को पर्याप्त समय दिया जाता है और ऋण के लिए किसी गारंटी की जरुरत नहीं होती है।
मुद्रा ऋण के आवंटन के बाद उद्यमी को एक मुद्रा कार्ड दिया जाता है जिसके द्वारा वह अपनी आवश्यकता के अनुरुप धन की निकासी कर सकता है। इसका इस्तेमाल किसी भी बैंक के एटीएम में किया जा सकता है। इसके अलावा इस कार्ड का इस्तेमाल क्रेडिट और डेबिट कार्ड की तरह भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत तीन साल पहले की गई थी। इसका उद्देश्य युवाओं को अपना उद्योग शुरु करने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा उन्हें ‘रोजगार मांगने वालों से रोजगार प्रदान करने वाले’ के रुप में विकसित करना है।
सूत्रों के अनुसार मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने वाले उद्यमियों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ भी दिया जाता है।