देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल जनपद के नैनीडांडा में रविवार को एक यात्रियों से खचाखच भरी बस के गहरी खाई में गिर जाने से 48 लोगों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य घायल हो गए। जबकि आधे दर्जन से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
गंभीर रूप से घायल लोगों को देहरादून हेलीकाप्टर से ले जाया जा रहा है। मृतकों में सबसे अधिक लोग स्थानीय स्तर के बताए जा रहे हैं। खराब मौसम के चलते हेलीकाप्टर देहरादून से हेलीकाप्टर धुमाकोट पहुंच नहीं पा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (पौड़ी) जगतराम जोशी ने बताया कि हादसा रविवार सुबह करीब नौ बजे उस समय हुआ, जब नैनीडांडा के भौन से रामनगर जा रही निजी बस पिपली-भौन मोटर मार्ग पर क्वीन पुल के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 45 लोगों की माैके पर ही मौत हो गई जबकि 3 अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि घायलों को धुमाकोट अस्पताल ले जाया गया है। गंभीर घायलों को हेलीकाप्टर के जरिए देहरादून अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही है लेकिन धुमाकोट में मौसम की खराबी के चलते हेलीकाप्टर उतरना संभव नहीं हो पा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। शवों को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है कि बस 28 सीटर है और उसमें संख्या से ज्यादा यात्री सवार थे। हादसे की खबर फैलते ही समूचे राज्य में शोक की लहर फैल गई है।
मुख्यमंत्री रावत ने हादसे पर दुख जताया
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी गढ़वाल जनपद के नैनीडांडा में हुए बस हादसे के दुर्घटना स्थल का दौरा किया और उन्होंने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया। रावत ने दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख, घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता अविलम्ब उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आवश्यक पड़ने पर घायलों को उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से देहरादून लाने के भी निर्देश दिए हैं।