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दिल्ली एनसीआर के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनिद्रा के शिकार - Sabguru News
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दिल्ली एनसीआर के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनिद्रा के शिकार

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दिल्ली एनसीआर के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनिद्रा के शिकार
More than 50 percent of Delhi NCR victims of insomnia
More than 50 percent of Delhi NCR victims of insomnia
More than 50 percent of Delhi NCR victims of insomnia

नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर उन शहरों में शामिल है, जहां के लोग नींद नहीं आने को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं और राजधानी दिल्ली के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग अनिद्रा का शिकार होने से परेशान हैं।

भारत के सबसे बड़े डी 2 सी स्लीप एंड होम सॉल्यूशन प्रोवाइडर वेकफिट डॉट को ने अपने वार्षिक अध्ययन ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (जीआईएसएस) के चौथे संस्करण की रिपोर्ट को जारी किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अनिद्रा का खतरा सालभर पहले के 19 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 24 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

चार साल में एक लाख से ज्यादा लोगों से संपर्क और मार्च 2020 से फरवरी 2021के दौरान 16 हजार से ज्यादा लोगों से संपर्क के साथ नींद को लेकर हुए इस अध्ययन जीआईएसएस से देशभर के लोगों के स्लीप पैटर्न को लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। 2021 की रिपोर्ट में सामने आया है कि गुरुग्राम के 42 प्रतिशत लोगों की शिकायत है कि काम की वजह से उन्हें देर रात तक जागना पड़ता है। पिछले साल ऐसा मानने वाले मात्र 17 प्रतिशत थे।

रिमोर्ट वर्किंग यानी घर बैठे काम करने के चलन के बाद से जीआईएसएस 2021 में हिस्सा लेने वाले दिल्ली एनसीआर के 43 प्रतिशत लोगों ने इस साल नाइट शिफ्ट में काम करने की बात कही। सालभर पहले 12 प्रतिशत लोग नाइट शिफ्ट कर रहे थे। बिस्तर पर पहुंचने के बाद भी काम करने के मामले में भी दिल्ली में लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस साल 47 प्रतिशत लोगों ने बिस्तर पर पहुंचने के बाद काम करने की बात बताई। सालभर पहले ऐसे लोगों की संख्या 18 प्रतिशत थी।

यह भी बहुत चौंकाने वाली बात नहीं है कि सोते समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल के नुकसान जानने के बाद भी दिल्ली एनसीआर में 94 प्रतिशत लोग सोने से ठीक पहले अपना फोन देखते हैं। काम और घर के बीच दूरियां मिटने से हालात ऐसे बने हैं कि दिल्ली एनसीआर के 81 फीसद लोग हफ्ते में 1 से 3 बार काम के समय पर नींद का अनुभव करते हैं।

ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड 2021 से मिले नतीजों पर बात करते हुए वेकफिट डॉट को के सह संस्थापक एवं डायरेक्टर चैतन्य रामालिंगा गौड़ा ने कहा, इस साल, जबकि पूरा देश वर्क फ्रॉम होम कर रहा है और एक अलग जीवनशैली अपना रहा है, हमने दिल्ली एनसीआर में नाइट शिफ्ट करने वालों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि देखी है। साथ ही स्क्रीन टाइम बढ़ने, काम के कारण रात में देर से सोने और अनिद्रा का डर भी देखा गया है। हमारी स्लीप स्टडी को इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे लोग नींद पर ज्यादा ध्यान दें। हम इस बारे में लोगों को जागरूक करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं। यह समय की मांग है कि दिल्ली एनसीआर में लोगों के बीच नींद के महत्व को लेकर समझ विकसित हो और लोग अच्छी नींद को भी रोजाना की दिनचर्या में प्राथमिकता दें।

जीआईएसएस 2021 में यह भी सामने आया है कि अब अच्छी नींद पर ध्यान देने वालों की संख्या भी बढ़ रही है और लोग सोने के लिए अच्छे बिस्तर के महत्व को भी समझ रहे हैं। विभिन्न आयु वर्ग में दिल्ली एनसीआर के करीब 59 फीसद लोगों का मानना है कि अच्छा बिस्तर यानी मैट्रेस अच्छी नींद के बहुत जरूरी है। पिछले साल ऐसा मानने वालों संख्या 38 प्रतिशत थी।