झारखंड। हमारे देश साफ-सुथरी राजनीति के लिए सभी दलों के द्वारा बातें तो खूब बड़ी-बड़ी की जाती है लेकिन जब चुनाव होते हैं तो लगभग सभी दल जिन उम्मीदवारों को टिकट देते हैं उनकी छानबीन करना भी उचित नहीं समझते हैं। चाहे राज्य स्तरीय चुनाव हो या केंद्र का हो हर बार दागी विधायक या संसद चुनाव जीतकर संसद या विधानसभा पहुंच जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं अभी संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव की। इस राज्य में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं जिनमें से 41 विधायक ऐसे हैं जिम में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
ऐसा नहीं है कि इन विधायकों की जीत में हाथियों की जलती हो बल्कि जनता भी इसमें कहीं-कहीं जिम्मेदार है। चुनाव के दौरान जनता भी इनके झूठे वादों में फंस जाती है और इन को अपना प्रतिनिधि बनाती है। झारखंड चुनाव में जीते कई दागी विधायककई दागी विधायकों के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र के हिसाब से राज्य की नवनिर्वाचित विधानसभा में इस बार 81 में से 41 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
अगर 2014 की बात करें तो 55 विधायकों के रिकॉर्ड में अपराध का कॉलम भरा हुआ था। कुल सीटें जीतने में भले ही जेएमएम को भाजपा नहीं पछाड़ सकी हो, लेकिन बाहुबली विधायकों को जिताने के मामले में वह जेएमएम के करीब पहुंचती दिख रही है। इस बार विधानसभा में कुल सदस्यों का 65.43 प्रतिशत यानी 53 विधायक ऐसे पहुंचे हैं, जिन्होंने अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति का ब्योरा करोड़ों में भरा है।
यह है राजनीतिक दलों के आपराधिक विधायकों की संख्या
झारखंड में विधानसभा चुनाव जीत कर आए विभिन्न राजनीतिक दलों के दागी विधायक इस प्रकार है। राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक इस मामले में सबसे अव्वल हैं। झामुमो के 17 विधायक ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। राज्य में अब इसी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि यह सरकार अपने दागी विधायकों को लेकर साफ-सुथरी राजनीति होने का क्या दावा करेगी ?
भारतीय जनता पार्टी भी दागी विधायकों के मामले में दूसरे नंबर पर रही है। राज्य में भाजपा के 11 विधायक ऐसे हैं जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं और इन पर मुकदमे भी दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस के 8 विधायकों पर मुकदमा चल रहा है। जेवीएम के 3 विधायकों पर केस दर्ज हैं। सीपीआईएमल का एक विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन उन पर भी केस दर्ज है। एनसीपी और आरजेडी के एक विधायक पर भी केस दर्ज है।
कई विधायकों पर तो गंभीर मामलों में सीबीआई जांच भी चल रही है
यहां हम आपको बता दें कि झारखंड में कई जीते विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामलों पर सीबीआई की जांच भी चल रही है। चुनाव से पहले एडीआर की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि 1216 उम्मीदवारों में से 335 पर सामान्य अपराध और 222 के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं। इस बार राज्य में विधानसभा में चुने गए विधायकों पर जहां लोगों से धोखाधड़ी और अन्य तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहीं हुसैनाबाद से एनसीपी से चुने गए कमलेश कुमार सिंह, मांडर से जेवीएम के विधायक बंधु तिर्की और पांकी से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के खिलाफ विभिन्न मामलों में सीबीआई जांच चल रही है।
कमलेश कुमार सिंह और चतरा से आरजेडी से जीते सत्यानंद भोक्ता पूर्व की राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। सत्यानंद के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा चल रहा है। वहीं गढ़वा से जेएमएम विधायक मिथलेश ठाकुर के खिलाफ हत्या के आरोप में ट्रायल चल रहा है। कांग्रेस के विधायक भूषण के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा चल रहा है। अब समय आ गया है सभी पार्टियों को कम से कम चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवारों को टिकट देते समय थोड़ा बहुत तो उनकी छानबीन कर ले और साफ-सुथरी राजनीति के लिए एक मिसाल पेश करें।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार