नई दिल्ली। देश में दिनों-दिन बैंक घोटालों की खबरें आ रही है। इसके लिए सरकार भी कड़े कदम उठा रही है, लेकिन बैंक धोखाधड़ी के मामले कम होने के नाम नहीं ले रहे। अब हाल ही में सिर्फ 6 महीने में बैंकों के साथ 95,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है।
मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में आरबीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से 30 सितंबर 2019 की अवधि में 95,760.49 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 5,743 मामले हुए।’
वित्त मंत्री ने लिखित उत्तर में सदन को बताया कि 3.38 लाख निष्क्रिय कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने सहित बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं। इस बीच एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिए जाने के बाद बैंक के 78 प्रतिशत जमाकर्ता अपने खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में बैंको की हालत ख़राब होती जा रही है। दूसरी तिमाही में कई बैंकों को काफी नुकसान हुआ है। इंडसइंड बैंक को मुनाफे के बावजूद नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बढ़ा है। वहीं कोटक बैंक के भी एनपीए में बढ़ोतरी हुई है। जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को घाटा हुआ है। इनके अलाव दूसरी तिमाही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को फायदा तो जरूर हुआ है, लेकिन 2018 की दूसरी तिमाही के मुकाबले कमाई में करीब 40 फीसदी की कमी आई है।