जयपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय संयोजक इन्द्रेश कुमार ने कहा कि ढाई दशक से अधिक समय से न्यायालय में अयोध्या के राम जन्म भूमि और विवादीत ढांचे के संबंध में चल रहा झगड़ा मंदिर का नही बल्कि राम जन्म स्थान को लेकर है।
इन्द्रेश कुमार ने रविवार को राम जन्म भूमि अयोध्या का सच विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि भगवान राम का जन्म स्थान एक ही है और वह आयोध्या में है जो हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ईसाइ धर्मावलम्बियों का पावन स्थान वेटेंकन और मुसलमानों का मक्का मदीना है उसी तरह हिन्दुओं का पावन स्थान भगवान श्रीराम का जन्म स्थान अयोध्या है।
उन्होंने कहा कि लम्बे समय से चल रहे इस विवाद का हल अभी तक नही निकला है जबकि न्यायालय के दो फैसले राम जन्मभूमि के पक्ष में आ चुके है। उन्होंने कहा कि अब तक किसी प्रकार का कोई साक्ष्य विवादित ढांचे के पक्ष में नहीं मिला है। बल्कि खुदाई में रामजन्म स्थान के लाखों वर्ष पुराने प्रमाण मिले है।
उन्होंने कहा कि विवादित ढांचे का निर्माण बाबर ने अपने नाम पर रखा जो कि इस्लाम के अनुसार भी मान्य नहीं है, क्योंकि इस्लाम में व्यक्ति के नाम पर धार्मिक स्थान का नाम नहीं रखा जा सकता है। न ही किसी अन्य धर्म के पूजा स्थल को तोड़ कर बनाया जा सकता है।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुये कहा कि अब तक भारत में अनेक मुस्लिम आक्रांता आए और चले गए किन्तु किसी ने भी मुसलमानों के लिए अच्छी शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार की व्यवस्था नहीं की, मुसलमानों को हमेशा अनपढ़, बेरोजगार और बीमार रखा। यही कारण है कि मुसलमानों को सभी जगह लोग पराये नजर आये अपने नहीं और उन्होनें आतंक की शरण ली।
उन्होनें देश में बेटियों पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि जब मां के कदमों में जन्नत होती है, तो बेटी बोझ कैसे हो सकती है। मां भी तो कभी बेटी होगी। उन्होंने कहा कि गीता और कुरान में मां को पूज्यनीय बताया है। यह धरती भी हम सब की मां है। हम इसकी तरक्की के लिए प्रयत्न करें। मां और मातृभूमि खरीदी और बेची नहीं जाती, इसके लिए बलिदान किया जाता है।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये सासंद मदनलाल सैनी ने देश के मुसलमानों को मुख्य धारा में लाने में इंन्द्रेश कुमार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रभक्ति की भावना हिलारे ले रही है।
गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि कारी आलीम मौलाना ने कहा कि किसी भी धर्म में कौमी एकता पर काम करने की पाबंदी नहीं है, किन्तु हमारे धर्म गुरू बिकाऊ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कौमी एकता में हर कौम बराबर है कोई धर्म हमें अलग अलग रहने को नहीं कहता।