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Mother Cuts Sixth Fingers Of New Born Six Fingers Baby, daughter dies in Khandwa-खंडवा में 6 अंगुलियों का खौफ, अंधविश्वास के चलते नवजात की गई जान - Sabguru News
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खंडवा में 6 अंगुलियों का खौफ, अंधविश्वास के चलते नवजात की गई जान

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खंडवा में 6 अंगुलियों का खौफ, अंधविश्वास के चलते नवजात की गई जान
Mother Cuts Sixth Fingers Of New Born Six Fingers Baby, daughter dies in Khandwa
Mother Cuts Sixth Fingers Of New Born Six Fingers Baby, daughter dies in Khandwa

खंड़वा। मध्यप्रदेश के खंड़वा जिले के आदिवासी बहुल खालवा क्षेत्र के वनग्राम सुंदरदेव में अंधविश्वास के चलते एक नवजात बच्ची की जान चली गई। दरअसल जन्म के समय से बच्ची के हाथ और पैर में छह उंगलियां थीं, जिसे बच्ची की मां ने काट दिया और घटना के दो दिन बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया।

खालवा ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शैलेन्द्र कटारिया ने आज बताया कि ग्रामीणों के माध्यम से उनके संज्ञान में यह बात आई कि वनग्राम सुन्दरदेव में एक आदिवासी महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसके हाथ और पैर में छह-छह उंगलियां थी।

यह महिला मूल रूप से खालवा क्षेत्र के ही ग्राम हीरापुर में रहने वाले रामदेव की पत्नी है, जो प्रसव के लिए अपनी मां के घर आई थी। इसके पहले उसके दो पुत्र हैं।

महिला में शनिवार को पुत्री को जन्म दिया और उसे देखा तो हाथ और पैर में छह-छह उंगलियां थीं। उसे लगा कि यह अपशकुन है, इसलिए उसने ब्लेड से हाथ और पैर की एक-एक अतिरिक्त ऊंगली काट दी।

कटी अंगुलियों से लगातार खून के रिसाव होने के कारण, उसे रोकने के लिए उसने पत्ते और गोबर का लेप लगा दिया। इससे नवजात को इन्फेक्शन हो गया और घटना के 48 घंटे बाद बच्ची की मौत हो गयी।

डॉ कटारिया ने बताया कि उन्हें इस घटना की सूचना 25 दिसंबर को मिली तो वे देर शाम तक महिला के घर पहुंचे तो उसने खुद यह बात कबूली। इस बीच बच्ची की मौत के बाद उसे दफना दिया गया।

आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में अन्धविश्वास और पुरानी मान्यताएं आज भी कायम है, जिसके चलते आदिवासी प्रसव के लिए भी महिलाओं को अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं ले जाते हैं। इस कारण नवजात शिशुओं को कुछ बीमारी दिखने पर, वे अपने स्तर पर इलाज कराते हैं।

इधर, खालवा थाने में इस मामले में कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह तारणेकर का कहना है कि पुलिस के संज्ञान में यह मामला नहीं आया है। इसमें ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को थाने में सूचना देनी चाहिए जिसके आधार पर प्रकरण दर्ज हो सके।