दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस बार मां-बेटे के बीच की जंग चुनाव को और दिलचस्प बनाने वाली है। जिले के कद्दावर नेता महेंद्र कर्मा के झीरम कांड में शहीद होने के बाद पार्टी ने 2013 के चुनाव में उनकी पत्नी देवती कर्मा को मैदान मेंं उतारा था।
विधायक देवती कर्मा को इस बार फिर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन इस बार उनके पुत्र छविंद्र कर्मा उनका सामना करने जा रहे हैं। दोनों मां-बेटे अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। देवती कर्मा ने अपना नामांकन दाखिल करने के दौरान कहा कि वे छविंद्र कर्मा को मना लेंगी। उन्होंने कहा कि अभी नामांकन दाखिल हुआ है, वापसी की तारीख बची है। यदि छविंद्र ने नाम वापस नहीं लिया तो भी वे प्रचार अपनी मां के पक्ष में ही करेंगे।
वहीं अपनी मां के विधायक चुने जाने के बाद से दरकिनार कर दिए गए छविंद्र कर्मा ने भी इस बार इस सीट पर निर्दलीय दावेदारी करते हुए अपनी मां से पहले ही नामांकन जमा कर दिया। उनका कहना है कि वे किसी भी हाल में चुनावी मैदान से नहीं हटेंगे। दंतेवाड़ा विधानसभा के लिए तीसरा नामांकन सीपीआइ प्रत्याशी नंदाराम सोरी ने दाखिल किया।
पर्चा दाखिल करने के बाद श्री सोरी ने कहा कि उनके चुनावी मुद्दे जनहित से जुड़े और स्थानीय हैं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास और मूलभूत जरूरतों के लिए लोग तरस रहे हैं। वे इसी मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में रहेंगे। सोरी ने कहा कि बसपा और छग जनता कांग्रेस से गठबंधन के बाद उनकी जीत सुनिश्चित हो गई है।