बलिया। उत्तर प्रदेश में बलिया के मनियर क्षेत्र में विवाहिता और उसके दो मासूम बच्चों की हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतका के पति और ससुर, सास को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने बताया रविवार को बताया कि नन्हागंज के जिगनी गांव निवासी सुनील चौहान की पांच वर्षीय बेटी संध्या व एक साल के बेटे संदीप का शुक्रवार को मुंडन संस्कार हुआ था। रात मे भोजन करने के बाद परिवार के लोग सो गए। शनिवार की सुबह सुनील की पत्नी रमिता (30) व उसके दोनो बच्चे बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़े थे।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, जहां बिस्तर पर दोनों बच्चों व रमिता का शव पड़ा था। पुलिस को सुनील ने बताया कि बच्चों के मुंडन संस्कार में ओहार का कार्यक्रम नहीं हुआ था जिसे लेकर रमिता नाराज थी। इसी बात को लेकर उसने बच्चों को जहर देने के बाद खुद भी उसका सेवन कर फांसी लगा ली।
वहीं, घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे मायके वालों ने रमिता के पति समेत ससुराल वालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप लगाया। मृतका के भाई रूदल चौहान ने पति सुनील व उसके परिजनों पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
पीहर वालों का है कि ससुराल पक्ष के लोग रमिता को प्रताड़ित करते थे। दहेज में सिकड़ी व कार की मांग शादी के बाद से कर रहे हैं। रमिता व उसके दोनों बच्चे संध्या (5) एवं संदीप (एक) शुक्रवार को मुंडन संस्कार से लौटे थे।
रात में पति सुनील, जेठ विनोद, ससुर अच्छेलाल चौहान, सास शांति देवी, ननद मुनरी देवी व जेठानी पुष्पा देवी ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। संध्या व संदीप दोनों बच्चों का मुंडन पचरुखिया में शुक्रवार को था। लेकिन नाव से रस्सी उस पार उसका पति नहीं ले गया।
इसके चलते घाट पर ही पति का पत्नी से विवाद हुआ था। इसके बाद इसी बात को लेकर घर पर भी उनके बीच विवाद हुआ। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी की मौत दम घुटने से बताई गई है। इसी आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
मालूम हो कि गड़वार थाना क्षेत्र के रतसर बंगला निवासी जयप्रकाश चौहान ने अपनी पुत्री रमिता (30) की शादी 2012 में नन्हागंज निवासी अच्छेलाल चौहान के पुत्र सुनील चौहान साथ की थी। शादी के पांच साल बाद रमिता को पुत्र हुआ था।
ग्रामीणों का कहना था कि पति, पत्नी या परिवार में कोई विवाद भी था तो मासूमों का क्या गलती थी। इस हृदयविदारक घटना को लेकर मायके पक्ष से आए लोगों के साथ-साथ आसपास के लोगों में भी बड़ा आक्रोश था।
पड़ोसियों ने बताया कि बच्चे का पहला जन्मदिन मनाने को लेकर मां व परिवार के लोगों में काफी खुशी थी। सुनील पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। बच्चे के मुंडन संस्कार में ही छुट्टी लेकर घर लौटा था।
परिवार में खुशी का माहौल था। शुक्रवार को सभी पूरी तैयारियों के साथ गंगा घाट पर मुंडन संस्कार में गए भी थे। उसके अगली सुबह ही दोनों बच्चों के साथ मां का शव घर में मिलने को लेकर सभी स्तब्ध हैं। इस घटना के बाद गांव में भी गमगीन माहौल बना हुआ है।