सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू में बिल्डिंग बायलाॅज पारित करने के लिए हुए आंदोलन में कथित रूप से पालिकाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के असहयोग व अन्य कारणों से माउण्ट आबू नगर पालिका के सदस्यों ने जनता के बीच दोनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का समर्थन किया था।
इस सहमति के साथ जब सोमवार को 18 सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त पत्र लेकर जब 13 पार्षद जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत हुए तो उन्हें पता चला की तकनीकी रूप से अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने की यह प्रक्रिया ही नहीं है।
माउण्ट आबू में बिल्डिंग बायलाॅज परित करने को लेकर स्थानीय निवासियों के नेतृत्व में आबू संघर्ष समिति गठित की गई। इसके आह्वान पर 3 अक्टूबर को माउण्ट आबू को अनिश्वित कालीन बंद रखने का निर्णय किया गया। चार दिन तक माउण्ट आबू अभूतपूर्व बंद रहा। इसके बाद 6 अक्टूबर को राजस्थान में चुनावों की घोषणा से आचार संहिता लग गई। इस पर संघर्ष समिति ने इस आंदोलन की रणनीति बदली। बंद को 6 अक्टूबर को विराम दिया।
इस दिन शाम को हुई जनसभा में स्थानीय लोगों के बीच में पार्षदों ने यह लिखित में कहा कि वह बिल्डिंग बायलाॅज की मांग को लेकर माउण्ट आबू वासियों की भावनाओं का कथित रूप से सम्मान नहीं करने वाले पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर व उपाध्यक्ष अर्चना दवे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
इस वायदे के अनुसार सोमवार नगर पालिका माउण्ट आबू के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 18 सदस्यों का पत्र लेकर 13 सदस्य जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत हुए। इन लोगों ने जब हस्ताक्षरशुदा पत्र जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल को दिखाया तो उन्होंने एडीएम आशाराम डूडी से मंत्रणा के बाद कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं एक फाॅरवर्डिंग लेटर है।
इसके साथ अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि नहीं है। इस तकनीकी कारण से माउण्ट आबू नगर पालिका के सदस्यों का पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास विफल रहा।
-अब आगे क्या?
माउण्ट आबू नगर पालिका में 20 सदस्य हैं। पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तीन चैथाई यानि कि 15 सदस्यों के हस्ताक्षर शुदा प्रस्ताव लेना होता है। इस प्रस्ताव पर अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण लिखते हुए सभी सदस्यों की सहमति देनी होती है। इसके बाद इन्हीं सदस्यों के हस्ताक्षरयुक्त एक फाॅरवर्डिंग लेटर के साथ इस प्रस्ताव को जिला कलक्टर को प्रस्तुत करना होता है।
अब यदि इस तरह का प्रस्ताव लाकर 15 सदस्य हस्ताक्षर करके यदि फारवर्डिंग लेटर के साथ में फिर से इसे जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो यह प्रस्ताव स्वीकृत माना जाएगा और जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में जिला कलक्टर सभी हस्ताक्षरों की तस्दीक के बाद पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद के लिए मतदान की तिथि निर्धारित कर देंगी।
-यूं भी लगता इतना ही समय
माउण्ट आबू के पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करके यदि उसकी प्रतिलिपि भी साथ में लाते तो भी इतना ही समय लगता। नियमानुसार जब तक जिला कलक्टर हस्ताक्षर करने वाले सभी सदस्यों के हस्ताक्षरों की अपने सामने तस्दीक नहीं करवा लेती तब तक वे इसे स्वीकृति नहीं देती।
सिरोही कलक्टर के सामने सोमवार को 13 ही सदस्य प्रस्तुत हुए थे। ऐसे में प्रस्ताव होता तब भी शेष दो सदस्यों के हस्ताक्षर की तस्दीक नहीं होने तक जिला कलक्टर निर्वाचन की तिथि की घोषणा नहीं करती।
इनका कहना है…..
हमारे सामने माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत नहंी हुआ है।
अनुपमा जोरवाल
जिला कलक्टर, सिरोही।
माउण्ट आबू नगर पालिका के सदस्य आए थे। उनके पास अविश्वास लाने का कारण लिखा हुआ 15 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव की काॅपी नहीं थी। हां, उन्होंने 18 सदस्यों के हस्ताक्षरशुदा पत्र जरूर दिया था, जिसे फाॅरवर्डिंग लेटर कह सकते हैं, इसके साथ अविश्वास प्रस्ताव की प्रतिलिपि संलग्न होनी चाहिए थी।
आशाराम डूडी
एडीएम, सिरेाही।