सबगुरु न्यूज-माउंट आबू। पर्यटन क्षेत्र में पिछले 6 महीने से कथित रूप से विकास बाधित करने और बोर्ड के अधिकारों के अतिक्रमण के खिलाफ बुधवार के पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर के नेतृत्व में धरना शुरू हुआ। इस धरने को मांगें पूरी होने तक चलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन पहले ही दिन धरना स्थल पर उपस्थित लोगों की संख्या बोर्ड सदस्यों में बिखराव प्रदर्शित करती दिखी।
माउंट आबू पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर ने शहर में बाधित विकास कार्य एवं आयुक्त द्वारा कथित तौर पर नगर पालिका बोर्ड के अधिकारों के अतिक्रमण के खिलाफ धरने के आह्वान किया था। इसके लिए बुधवार को पालिकाध्यक्ष, पार्षद राधा राणा, जुजराम राणा समेत तीन पार्षद अपने समर्थकों के साथ नगर पालिका से बाजार होते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहाँ उन्होंने धरना शुरू किया। धरने में बैठे इन लोगों से थानाधिकारी ने पहुंचकर उनकी मांगें जानी।
–दावों के विपरीत वास्तविकता
पालिकाध्यक्ष धरना को नगर पालिका के सभी पार्षदों की मांग और समर्थन होने का दावा करते दिखे। लेकिन, मौके पर उनके साथ सिर्फ 3 भाजपा पार्षद थे। जबकि धरने से 50 कदम की दूरी पर कांग्रेस, भाजपा और निर्दलीय पार्षद बैठे थे, लेकिन वे धरने पर नहीं गए।
–आरोप-प्रत्यारोप
पालिकाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले 6 महीने से शहर के विकास कार्य रुके हुए हैं। अधिकारी बोर्ड द्वारा पास कार्यों के भी कार्यादेश जारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी बोर्ड के अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं। वे धरना शहर के विकास और सभी वार्डों में विकास के लिये कर रहे हैं। जिसमे भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों के भी समर्थन है।
उन्होंने धरने पर पार्षदो की कम संख्या पर दलील देते हुए कहा कि के सदस्य बाहर हैं और कई सीजन के कारण नहीं आ पाए, लेकिन उनका समर्थन है। धरना स्थल के 50 मीटर की दूरी पर ही नगर पालिका के कई पार्षद भी बैठे मिल गए। इनमें नेता प्रतिपक्ष नारायणसिंह, कांग्रेस सदस्य भरत लालवानी, विकास अग्रवाल, मांगीलाल काबरा शामिल थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धरने में उनका कोई समर्थन नहीं है। पालिकाध्यक्ष साढ़े चार साल कोई काम नहीं करवा पाए और अब वो ये कह रहे हैं कि अधिकारी बोर्ड के अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं तो ये उनकी विफलता है। उन्हें इस विफ़लता के लिए त्यागपत्र देकर जनता से इस धरने के लिए समर्थन मांगना चाहिए। कांग्रेस पार्षद भरत लालवानी ने पालिकाध्यक्ष के कार्यकाल में भूमाफियों और भ्रष्टाचार पनपने का आरोप लगाया। वो आयुक्त का कार्य सम्भाल रहे उपखंड अधिकारी को विकास पुरुष के रूप में प्रस्तुत करने में भी नहीं चूके।