भोपाल। मध्यप्रदेश मेें एक पखवाड़े से अधिक समय से चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना त्यागपत्र राज्यापाल लालजी टंडन को सौप दिया। लगभग 15 माह पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई।
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने निवास पर बुलायी गयी मीडिया में राज्यपाल को त्यागपत्र देने की घोषणा की। उन्होंने लगभग 15 मिनट तक मीडिया को संबाेधित किया और अपनी सरकार की उपलब्धियां बतायी एवं मौजूदा राजनैतिक हालातों का भी जिक्र किया। अंतत: उन्होंने कहा कि वे अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौपने जा रहें हैं।
उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को आदेश दिया था कि शुक्रवार को शाम पांच बजे तक सरकार बहुमत साबित करे। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने आज दिन में दो बजे का समय तय किया था। लेकिन संख्या बल में कांग्रेस के विधायक कम होने के कारण कमलनाथ ने दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे मुख्यमंत्री निवास में पत्रकारों के समक्ष घोषणा कर दी कि वे राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपने जा रहे हैं। इसके बाद कमलनाथ राज्यपाल पहुंचे और अपना त्यागपत्र सौंप दिया।
कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर कहा कि हम चाहते थे कि कांग्रेस महल में नहीं जाए और महल कांग्रेस में आए, लेकिन ऐसा नहीं हाे पाया।
कमलनाथ ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर नयी सरकार के गठन का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के खेमे में कमलनाथ के त्यागपत्र के बाद खुशी की लहर दौड़ गयी। अब शीघ्र ही राज्य में भाजपा की नयी सरकार का गठन होगा।