SABGURU NEWS | भोपाल मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की पुत्रवधू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या के मुद्दे पर विधानसभा में आज भी लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरु होते ही पहली बार 10 मिनट स्थगित होने के बाद भिन्न-भिन्न समयावधि के लिए तीन बार स्थगित की गई।
कांग्रेस आज भी इस मामले में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा की मांग पर अड़ी रही। वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कई बार सदन में दोहराया कि जब मंत्री श्री सिंह प्रीति को अपनी पुत्रवधू स्वीकार कर चुके हैं, तो अब क्या बचा है। इसके बाद भी कांग्रेस की नारेबाजी और अासंदी के पास पहुंचकर अपनी मांग दोहराने के कारण सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए, फिर 12 बजे तक और बाद में एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के कारण प्रश्नकाल भी नहीं चल सका।
प्रश्नकाल शुरु होते ही कांग्रेस के मुख्य सचेतक रामनिवास रावत ने कल अपनी पार्टी की ओर से दिए गए स्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस विषय पर चर्चा कराई जाए। इस पर अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि शासन ने बिना कहे अपना उत्तर दे दिया है और इस मसले को शून्यकाल में उठाया जाए, लेकिन कांग्रेस सदस्य नहीं माने।
मंत्री श्री मिश्रा ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक इस मामले में झूठ बोल रहे हैं। इसी बीच अध्यक्ष डॉ शर्मा ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरु करते हुए बहुजन समाज पार्टी विधायक ऊषा चौधरी को अपना सवाल पूछने के निर्देश दिए।
श्रीमती चौधरी ने सवाल पढ़ना शुरु किया, लेकिन भारी शोर के कारण उनकी आवाज सुनी नहीं जा सकी। इस पर आपत्ति जताते हुए सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि विपक्ष अनुसूचित जाति वर्ग की एक महिला विधायक की आवाज को दबाने की साजिश कर रहा है। इसी शोर में अध्यक्ष डॉ शर्मा ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।