भोपाल. वित्त आयोग प्रदेश में पंचायत निकायों और नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिये शासन के समक्ष अनुशंसाएँ प्रस्तुत करेगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इसके साथ ही, भूमि पर देय करों, स्टाम्प शुल्क के अलावा राजस्व के अन्य करों में स्थानीय नगरीय निकाय तथा ग्राम पंचायत के बीच बँटवारा तथा माल और सेवा कर के राजस्व बँटवारे के संबंध में भी शासन को सुझाव देगा।
आयोग ने नीति तैयार करने के लिये नागरिकों, विशेषज्ञों और अशासकीय संगठनों से 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किये हैं। आयोग ने अपनी वेबसाइट भी आरंभ कर दी है जिसमें सुझाव ई-मेल पर भी दिये जा सकते हैं।
मध्यप्रदेश में मार्च-2017 में पाँचवाँ राज्य वित्त आयोग गठित हुआ है। प्रदेश की नगरपालिकाओं एवं पंचायतों के बीच वर्ष 2020-2025 की पंचवर्षीय अवधि के लिये राज्य के करों, शुल्कों, फीस और पथकर आदि वितरण की नीति तैयार करने के लिये पाँचवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी को आयोग का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।