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मध्यप्रदेश कांग्रेस के 'बागी' 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार - Sabguru News
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मध्यप्रदेश कांग्रेस के ‘बागी’ 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार

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मध्यप्रदेश कांग्रेस के ‘बागी’ 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार

भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी घटनाक्रमों के बीच गुरुवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार कर लिए। प्रजापति ने रात्रि ग्यारह बजे के बाद मीडिया के समक्ष इस बात की घोषणा की।

ये सभी विधायक पिछले कई दिनों से बंगलूर में रुके हुए हैं। कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने त्यागपत्र अध्यक्ष को दस मार्च को भेजे गए थे। इनमें से छह के त्यागपत्र पहले ही स्वीकार हो गए थे। शेष 16 के त्यागपत्र गुरुवार को स्वीकार किए गए।

इन विधायकों में हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिर्राज डंडोतिया, रक्षा संतराम, बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी और रणवीर जाटव शामिल हैं।

उच्चतम न्यायालय के आज के आदेश के संदर्भ में पूछे जाने पर अध्यक्ष ने कहा कि न्यायपालिका (सुप्रीम कोर्ट) ने विधायिका को कहा है। विधायिका पालन कर रही है। संविधान मौन है। उन्होंने कहा कि सोलह विधायक आना नहीं नहीं चाहते। उल्टा उन्होंने मुझे (अध्यक्ष को) ही पार्टी बना दिया गया। इसलिए उनके त्यागपत्र स्वीकार किए गए।

प्रजापति ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने सदन की कार्यवाही कोरोना वायरस के चलते स्थगित की है। रात सभी ने प्रधानमंत्री को भी सुना। 230 सदस्यीय विधानसभा में कुल 22 विधायकों के त्यागपत्र हो चुके हैं और दो सीट पहले से रिक्त हैं। इस तरह अब शेष सदस्यों की संख्या 206 रह गई है। अभी की स्थिति में बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों के मतों की आवश्यकता है।

वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 92 रह गई है। इसके अलावा बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।

हम निराश नहीं हैं : कमलनाथ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि हम निराश नहीं हैं और आज भी एकजुट हैं। कमलनाथ ने राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के निवास पर रात्रिभोज के मौके पर कांग्रेस विधायकों और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट का फैसला आया है। हमने वहां मजबूती से अपना पक्ष रखा। बेंगलूरु में रहे 16 विधायकों को लेकर भी अपनी बात मजबूती से रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय ने 20 मार्च को फ्लोर टेस्ट करवाने का निर्णय सुनाया है। हम निराश नहीं हैं। आज भी एकजुट हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाकर एक गंदा खेल खेला है। हमारे जनहितैषी कार्यों से बाैखलाकर हमें अस्थिर करने के लिए भाजपा द्वारा यह सब किया गया। जनता सब देख रही है।

कमलनाथ ने कहा कि हमें जनता ने जनादेश देकर प्रदेश को विकास की दृष्टि से अव्वल बनाने की जवाबदारी सौंपी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा काे यह रास नहीं आ रहा है, इसलिए वो पहले ही दिन से साजिश कर रही है। हम भाजपा की हर चुनौती का मिलकर मुकाबला करेंगे। इन राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिन में बारह बजे अपने निवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे।