इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एक महिला न्यायाधीश को आपत्तिजनक संदेश भेजने वाले एक वकील की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोपी वकील की मानसिक जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं।
एकलपीठ के न्यायाधीश रोहित आर्य ने मामले की बीते 26 मार्च (शुक्रवार को) सुनवाई करने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जिसे सोमवार को जारी किया गया है।
एकलपीठ ने इस नियमित जमानती आवेदन की सुनवाई करते हुए जारी निर्देश में उल्लेख किया कि 37 वर्षीय आरोपी अधिवक्ता जो की विवाहित और उसके चार बच्चे हैं के खिलाफ प्राथमिक आरोप यह है कि उन्होंने एक महिला न्यायाधीश को व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पोर्टल के माध्यम से अपमानजनक और आपत्तिजनक संदेश भेजे, जिसकी वजह से उन्हें बेहद असहज और शर्मिंदगी महसूस हुई।
न्यायाधीश आर्य ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि मामला में एक योग्य चिकित्सक या मनोचिकित्सक के माध्यम से आरोपी अधिवक्ता की मानसिक जांच कराने के लिए निर्देशित किया जाता है। साथ ही निर्देश दिया जाता है कि आरोपी की मानसिक जांच कर, इसकी रिपोर्ट से न्यायालय को अवगत कराया जाए।
न्यायालय ने जारी निर्णय में कहा कि न्यायालय में उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव को भी निर्देशित किया जाता है कि यदि उन्हें आवश्यक लगे तो वे जारी इन निर्देशों का अनुपालन पुलिस अधीक्षक और अन्य प्राधिकारियों के माध्यम से सुनिश्चित करें।
इस मामले की सुनवाई के दौरान नियमित जमानत आवेदन पेश करने वाले आरोपी की पैरवी अधिवक्ता बी बी सिंह ने की। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता रंजीत सेन ने पक्ष रखा और आपत्तिकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर और अधिवक्ता सीमा शर्मा ने विरोध किया। 16 फरवरी से न्यायिक अभिरक्षा में कैद आरोपी अधिवक्ता के इस जमानती आवेदक की 15 अप्रैल 2021 को आगामी सुनवाई मुकर्रर की गई है।