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भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - Sabguru News
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भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक अधिकारी के साथ मारपीट से जुड़े आपराधिक मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रहलाद लोधी को भोपाल की विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा पर आज रोक लगा दी।

राज्य उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश वीपीएस चौहान ने पवई से भाजपा के विधायक प्रहलाद लोधी की दो साल की सजा पर अगले दो माह के लिए राेक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवायी दो माह बाद आगामी सात जनवरी तय की गई है।

अदालत ने आदेश में लिखा है कि याचिकाकर्ता प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक के पक्ष में मजबूत आधार लगता है। आवेदक के अधिवक्ता ने बताया है कि सजा और जुर्माना 31 अक्टूबर को सुनाया गया और उन्होंने चार नवंबर को अपील लगाई।

विधानसभा अध्यक्ष ने बहुत ही जल्दी दिखाते हुए दो नवंबर को आवेदक की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश पारित कर दिया। साथ ही सीट को भी रिक्त घोषित कर दिया। इन स्थितियों में सजा पर रोक बहुत आवश्यक है, क्योंकि आवेदक राज्य विधानसभा का सदस्य है।

उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय के दो नवंबर के आदेश का जिक्र करते हुए अपने आदेश में लिखा है कि उसे (न्यायालय) लगता है कि सजा पर रोक लगाने की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने उसके समक्ष पेश की गई दलीलों के हवाले से यह भी दृढ़ राय व्यक्त की है कि जिस तरह से निचली अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, उसके आधार पर भी आवेदक के पक्ष में मजबूत आधार है। इसलिए भी अदालत आवेदक की सजा पर रोक लगाने के लिए प्रवृत हुई है।

इसके पहले कल इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने आज सुनाए गए फैसले में कहा कि आवेदक प्रहलाद लोधी की सजा पर सात जनवरी तक रोक रहेगी। हालाकि इस दौरान आवेदक किसी भी आपराधिक कृत्य में लिप्त नहीं पाया जाना चाहिए।

पन्ना जिले में एक सरकारी अधिकारी को बीच सड़क पर रोककर उनके साथ मारपीट करने से जुड़े आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने 31 अक्टूबर को प्रहलाद लोधी समेत लगभग एक दर्जन आरोपियों को दोषी पाते हुए दो साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि लोधी को तत्काल जमानत का भी लाभ मिल गया।

इसके दो दिन बाद ही दो नवंबर को विधानसभा ने सुप्रीमकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी और संबंधित पवई विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भेज दी।

इसके बाद भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की ओर से उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका में सजा तथा विधानसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया है कि अवैधानिक तरीके से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त की गई है। उन्हें सुनवाई का कोई अवसर प्रदान नहीं किया गया, जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है।

याचिका की सुनवाई के दौरान कल राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सुप्रीमकोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता तत्काल समाप्त कर दी जाए। याचिका के संबंध में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

याचिकाकर्ता की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता आरएन सिंह तथा पुरूषेन्द्र कौरव और सरकार की तरफ से महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पैरवी की।