शिवपुरी मध्यप्रदेश के शिवपुरी के प्राचीन एवं प्रसिद्ध शक्तिपीठ राजेश्वरी माता मंदिर पर मटकों का प्राचीन मेला आज से प्रारंभ हो गया है। मिट्टी के बर्तनों का यह अंतर्राज्जीय मेला है, जिसमें झांसी ललितपुर टीकमगढ़ एवं शिवपुरी जिले के कुंभकार विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तन एवं बच्चों के खिलौने लेकर आते हैं।
चैत्र नवरात्रि की सप्तमी से नवमी तक यहां से मिट्टी के मटके लेना शुभ माना जाता है।यह मेला देखने के लिए तथा मिट्टी के बर्तन लेने के लिए शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस मेले में दैनिक उपयोग की वस्तुएं मिठाई एवं खाने की दुकान है आदि लगते हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाएं माता के भजन गाते हुए आती हैं।
इस मेले में शहरी एवं ग्रामीण संस्कृतियों का मिलन दिखाई देता है।इस मेले में मिट्टी के बर्तन लेकर आए रामचरण प्रजापति सोनाराम ने बताया कि वह लोग झांसी टीकमगढ़ से वहां की प्रसिद्ध मिट्टी के लाल मटके लेकर आए हैं।
जिन को यहां तक लाने में लागत बढ़ जाती है फिर भी लोग उनको प्रतिवर्ष खरीदते हैं। क्योंकि वहां की मिट्टी कैसी है जिस मटके में पानी ज्यादा देर तक ठंडा रहता है और मटका जल्दी उतरता नहीं है। उन्होंने बताया कि मटका के अलावा सुराही मिट्टी के तवे मिट्टी की कढ़ाई बच्चों के खिलौने आदि सामान लेकर बनाते हैं जो यहां पर काफी पसंद किया जाता है।
वे प्रतिवर्ष इस मेले में आते हैं। इनके अलावा स्थानीय कुंभकार भी अपनी मिट्टी की विभिन्न वस्तुएं सटामटकी लेकर इस मेले में आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस मेले से नवदुर्गा के अवसर पर मिट्टी के बर्तन खरीद कर भरने से उस घर में साल भर धन-धान्य भरपूर रहता है। कभी किसी चीज की कमी नहीं आती। इसीलिए इस मेले से सभी लोग बर्तन खरीदते हैं और उनको नवदुर्गा में भरते हैं।
पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे ने बताया कि इस मेले के लिए पुलिस एवं प्रशासन द्वारा सभी इंतजाम किए गए हैं जिससे श्रद्धालु अच्छी तरह से मंदिर में दर्शन कर सकें एवं खरीददारी कर सकें।