झुंझुनूं। झुंझुनूं से भारतीय जनता पार्टी की सांसद संतोष अहलावत ने कहा है कि कुछ लोग उनका राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त करना चाहते है।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को जारी भाजपा की पहली सूची में अहलावत का टिकट कट जाने के बाद उनसे मिलने आए कार्यकर्ताओं से बात करते समय उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग उनके खिलाफ चालें चल रहे हैं। वे चाहते हैं कि संतोष अहलावत का राजनीतिक प्रभुत्व खत्म हो जाए।
उन्होंने कहा कि उनकी बेबाक बोलना और ईमानदारी कई लोगों को चुभती है। उन्होंने कहा कि न तो उनके ऐसे संस्कार है, और न ही उनके खून में है कि वह पार्टी के साथ दगा करें। लेकिन वह इस आदेश का आंख मूंदकर पालना करें, यह भी सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि पांच साल में किसे मंडल अध्यक्ष बनाना है, किसे जिलाध्यक्ष बनाना है, किन नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां देनी है। इस बारे में उनसे पूछा तक नहीं गया। लेकिन उन्होंने अनुशासन में रहते हुए हमेशा पार्टी के हर फैसले का स्वागत किया और उसका साथ दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चर्चा कर आगामी फैसला लेने की बात भी कही।
उन्होंने डॉ. दिगंबर सिंह के सूरजगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ने के एक सवाल पर कहा कि पार्टी ने उनकी बिना राय के डॉ. दिगंबर सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया था। उस चुनाव में उनके पास से 50 लाख रुपए भी लग गए। उन्होंने चुनाव जीताने में जी-जान भी लगा दी। इसके बावजूद षडय़ंत्र करने वाले नेताओं ने उनकी छवि को खराब कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें 2004 में चुनाव मैदान में उतारा गया। तब भी उन्होंने कोई टिकट की मांग नहीं की थी। इसके बाद 2014 में भी उन्होंने टिकट नहीं मांगी। लेकिन उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया। जब उन्होंने पिछले पांच सालों में कई काम कराए और कई प्रोजेक्ट भी शुरू कर पूरे लोकसभा क्षेत्र की सेवा की तो अब उनकी टिकट काट दी गई, जो सही नहीं है।
अहलावत से मिलने आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी उनका टिकट काटे जाने के निर्णय का विरोध किया और कहा कि पार्टी यदि दो दिनों में फैसला नहीं बदलेगी तो इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। इस अवसर पर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, नगर परिषद सभापति सुदेश अहलावत, भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रामनिवास डूडी तथा सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थीं।