भोपाल। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की बहू प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या के मामले में उसके परिजन के बयान राजधानी भोपाल के महिला थाने में दर्ज किए गए।
बयान दर्ज कराने के लिए रायसेन की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण केरकेट्टा और उदयपुरा के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) राजाराम साहू को राजधानी भोपाल बुलाया गया था। महिला थाने में कल रात नौ बजे के बाद प्रीति के परिजन के बयान दर्ज हुए और इसकी वीडियोग्राफी कराई गई।
सुश्री केरकेट्टा ने बताया कि
परिजन ने जितने लोगों के नाम प्रस्तुत किए थे, कल रात सभी के बयान दर्ज किए गए हैं। अब फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट, हैंडराइटिंग विशेषज्ञ की रिपोर्ट समेत अन्य साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। सभी साक्ष्यों की वरिष्ठ स्तर पर समीक्ष के बाद आगे जो भी निकलेगा, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
प्रीति के परिजन ने कल इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला से मुलाकात की थी।
परिजन ने डीजीपी से कहा था कि उन्हें रायसेन पुलिस पर भरोसा नहीं है। वे भयभीत हैं और उन पर दबाव बनाया जा रहा है और इसीलिए वे वरिष्ठ अधिकारियों के सामने अपनी बात कहेंगे। इसके बाद श्री शुक्ला ने उन्हें राजधानी भोपाल में ही महिला थाने में बयान दर्ज करने के लिए कहा।
बताया जा रहा है कि प्रीति के परिजन ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मदद मांगी है, जिसके बाद अब श्री सिंधिया के 30 मार्च को रायसेन जिले के उदयपुरा में प्रीति के परिजन से मुलाकात करने की संभावना है।
मंत्री श्री सिंह की पुत्रवधू प्रीति रघुवंशी के रायसेन जिले स्थित उदयपुरा में अपने घर में फांसी लगाने के मुद्दे से प्रदेश में कई दिन से राजनीति गर्मायी हुई है। बताया जा रहा है कि मंत्री पुत्र गिरजेश ने कुछ महीने पहले प्रीति से राजधानी भोपाल में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।
परिवार ने पिछले दिनों गिरजेश की सगाई कहीं और कर दी, जिससे व्यथित होकर प्रीति ने आत्महत्या कर ली। मंत्री श्री सिंह ने पहले प्रीति को अपनी पुत्रवधू मानने से इनकार कर दिया, लेकिन गिरजेश के प्रीति के अस्थि संचय में शामिल होने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है।