लंदन। ब्रिटेन की संसद के एक शोधकर्ता को चीनी जासूस होने के आरोप में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह जानकारी बीबीसी ने रविवार को दी।
पुलिस ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले वर्ष मार्च में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से एक की उम्र 20 वर्ष और दूसरे की उम्र 30 वर्ष के आसपास थी। सूत्रों ने बीबीसी से कहा कि उनमें से एक संसदीय शोधकर्ता था जो अंतरराष्ट्रीय मामलों को देखता था। जैसा कि संडे टाइम्स ने सबसे पहले बताया था कि माना जाता है कि शोधकर्ता के कई कंजर्वेटिव सांसदों से संबंध थे।
एक ब्रिटिश प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और उन्हें देश के संसदीय लोकतंत्र में चीनी हस्तक्षेप के बारे में अपनी महत्वपूर्ण चिंताओं से अवगत कराया। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया।
‘संडे टाइम्स’ की खबर के अनुसार, शोधकर्ता का सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेंडहट और विदेश मामलों की समिति की अध्यक्ष एलिसिया किर्न्स समेत अन्य लोगों के साथ संबंध था। कई सरकारी सूत्रों ने सुरक्षा मामलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि 30 वर्षीय एक व्यक्ति को ऑक्सफोर्डशायर के एक पते से गिरफ्तार किया गया था जबकि 20 वर्षीय एक व्यक्ति को एडिनबर्ग के एक पते से गिरफ्तार किया गया था।
इसने कहा कि दोनों के आवासीय परिसरों के अलावा पूर्वी लंदन में एक तीसरे पते पर भी तलाशी ली गई थी। दोनों व्यक्तियों को दक्षिण लंदन पुलिस स्टेशन ले जाया गया था और बाद में अक्टूबर की शुरुआत में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
जासूसी से जुड़े अपराधों की निगरानी करने वाली एमईटी की आतंकवाद रोधी शाखा इसकी जांच कर रही है। कहा जा रहा है कि शोधकर्ता की पिछले वर्ष सितंबर में सुरक्षा मंत्री बनने से पहले टॉम टुगेंडहट तक पहुंच थी। हालांकि टुगेंडहट ने कहा कि उस व्यक्ति के साथ उनका केवल सीमित संपर्क था और एक मंत्री के रूप में उसके साथ कोई लेन-देन नहीं था।
उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन संडे टाइम्स के अनुसार वह कुछ समय के लिए चीन में रहा था। कंजरवेटिव सांसद एलिसिया किर्न्स ने कहा कि उन्हें अखबार की रिपोर्ट के बारे में पता है, लेकिन उन्होंने इसपर टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि मैं सार्वजनिक हित को पहचानती हूं और हमारा कर्तव्य है कि हम यह सुनिश्चित करें कि अधिकारियों का कोई काम खतरे में न पड़े।
बीबीसी में छपी खबर के बारे में पूछे जाने पर न्याय मंत्री एलेक्स चॉक ने कहा कि वह विशिष्ट मामलों पर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने चीन के प्रति मौजूदा रुख का बचाव करते हुए कहा कि ब्रिटेन ने उस देश से ‘बातचीत’ करके सही किया और सुनक ने ‘सावधानी के साथ आगे बढ़ने’ की आवश्यकता पर बल दिया है।
इन गिरफ्तारियों से बीजिंग के साथ लंदन के संबंधों को लेकर बहस फिर से शुरू हो गई है। वहां चीनी जासूसी और संसद में हस्तक्षेप के बारे में चिंताएं बढ़ रही है, सवाल उठने लगे हैं कि क्या जोखिम को कम करने के लिए और ज्यादा कार्रवाई करनी चाहिए थी। पिछले वर्ष, क्रिस्टीन ली की गतिविधियों के बारे में एक असामान्य संसदीय हस्तक्षेप चेतावनी जारी की गई थी।
एमआई5 ने आरोप लगाया कि वह सांसदों के काम का समर्थन करने के लिए धन देने सहित राजनीतिक हस्तक्षेप जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रही थीं और यह सब तथाकथित रूप से चीन के लिए किया जा रहा था।
अन्य देशों, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने भी चीनी जासूसी या राजनीति में हस्तक्षेप का दावा किया है, हालांकि चीनी सरकार ने ऐसी किसी भी गतिविधि से इनकार किया है। हाल के वर्षों में जासूसी और व्यापक सुरक्षा खतरों दोनों पर तनाव बढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में वाशिंगटन और लंदन दोनों द्वारा चीन के साथ संबंधों को स्थिर करने की कोशिश की जा रही है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने दो सप्ताह से भी कम समय पहले बीजिंग का दौरा किया था और कहा था कि संबंध तोड़ना ‘विश्वसनीय’ नहीं होगा। संसद की खुफिया और सुरक्षा समिति ने जुलाई में एक लंबे समय से प्रतीक्षित रिपोर्ट जारी किया था, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि सरकार बीजिंग से सुरक्षा जोखिमों को संभालने में सुस्त रही है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीन का इरादा ब्रिटेन सरकार में उच्च स्तर का हस्तक्षेप करने का है, जो ब्रिटेन की राजनीतिक सोच और चीन के लिए प्रासंगिक निर्णय को प्रभावित करने के लिए कई स्तरों पर अधिकारियों और निकायों को निशाना बना रहा है। इसने जासूसी से जुड़े मामलों में मुकदमा चलाने में चुनौतियों का उल्लेख किया क्योंकि उस समय, विदेशी खुफिया सेवा का एजेंट होना आपराधिक कृत नहीं था।
एमआई5 और व्यापक खुफिया समुदाय का लंबे समय से शिकायत करता रहा है कि शत्रुतापूर्ण राज्य गतिविधि से निपटने में पुराना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम अपर्याप्त रहा है, जबकि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही अपनी शक्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करने में सक्षम हैं।
जासूसी और अन्य सुरक्षा खतरों की जांच के लिए नई शक्तियां प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ब्रिटेन में इस गर्मियों में लागू हुआ है जबकि इन दो लोगों की गिरफ्तारी उससे पहले हुई थी और उनकी गिरफ्तारी पुराने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के अंतर्गत हुई थी।