नई दिल्ली/मुंबई। अपने फैसलों से सबको चौंकाने के लिए मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने अगले महीने होने वाले वेस्टइंडीज दौरे से खुद को अलग कर लिया है और अब वह संभवत: सियाचिन में सेना के साथ ट्रेनिंग कर सकते हैं।
धोनी के इस फैसले ने चयनकर्ताओं का सिरदर्द खत्म कर दिया है जिन्हें अब यह फैसला नहीं लेना होगा कि धोनी काे विंडीज दौरे से बाहर कर दिया गया है। पूर्व कप्तान ने रविवार को इस दौरे के लिये मुंबई में होने वाली चयनकर्ताओं की बैठक से पूर्व ही खुद को अनुपलब्ध करार दिया है।
धोनी प्रादेशिक सेना की पैराशूट रेजीमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं और उनका सेना से प्रेम जगजाहिर है। धोनी ने विश्वकप में भारत के शुरूआती मैच में कीपिंग करते हुए जो दस्ताने पहने थे उनपर सेना का बलिदान चिन्ह बना हुआ था। हालांकि आईसीसी की आपत्ति के कारण उन्हें यह चिन्ह हटाना पड़ा था।
पूर्व कप्तान खुद काे विंडीज दौरे से अलग कर अगस्त में सेना में ट्रेनिंग के लिए जा सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वह सियाचिन में ट्रेनिंग कर सकते हैं लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर स्पष्ट रूप से कुछ भी सामने नहीं आया है।
इंग्लैंड में समाप्त हुए विश्वकप के बाद लगातार अटकलें आ रही थीं कि धोनी को विंडीज़ दौरे में टीम से बाहर रखा जा सकता है। भारत को इस दौरे में ट्वंटी 20, वनडे और टेस्ट मैच खेलने हैं। विश्वकप में धोनी के प्रदर्शन की आलोचना हुई थी और उनकी धीमी बल्लेबाजी पर सवाल उठाए गए थे। लेकिन पूर्व कप्तान ने इन आलोचनाओं पर कोई जवाब नहीं दिया है और उन्होंने अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि वह संन्यास कब लेंगे।
चयनकर्ता प्रमुख एमएसके प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि धोनी सीमित ओवरों की टीम में अपने चयन को सुनिश्चित न मानें। रविवार को मुंबई में चयनकर्ताओं की टीम को चुनने के लिए बैठक होनी है।
पहले यह बैठक शुक्रवार को होनी थी लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति ने एक नए आदेश में बोर्ड सचिव को चयन समिति की बैठक बुलाने और उसमें हिस्सा लेने से रोक दिया।