अजमेर। चांदरात पर गुरुवार को चांद दिखाई देने के साथ ही जहां मुस्लिम संप्रदाय का नया हिजरी सम्वत 1442 शुरू हो गया है वहीं मोहर्रम का भी आगाज हो गया है।
चांद की शहादत के लिए राजस्थान के अजमेर स्थित दरगाह कमेटी के अधीन बैठी हिलाल कमेटी ने अब से थोड़ी देर पहले चांद दिखाई दिए जाने की घोषणा की। इसी के साथ एक से दस तारीख तक मोहर्रम का आगाज हो गया।
ख्वाजा साहब की दरगाह के गद्दीनशीन एसएन हसन चिश्ती ने बताया कि शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की अगुवाई में बैठी हिलाल कमेटी ने चांद की शहादत के बाद चांद का ऐलान किया तो दरगाह शरीफ के पीछे पीर साहब की पहाड़ी से 21 तोपें दागकर चांद दिखाई देने की सूचना दी गई। इसी के साथ मोहर्रम की रस्में प्रारंभ हो गई।
इससे पहले चांदरात के चलते शाम साढ़े पांच बजे लंग रखाना गली में सांकेतिक तौर पर हजरत इमाम हुसैन की चैकी धुलाई की सांकेतिक रस्म मौरूसी अमले के बावर्ची परिवार द्वारा अदा की गई। इस दौरान मरसिया एवं सलाम पढ़ने के लिए पासधारक खादिम उपस्थित रहे। जहां कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई।
मोहर्रम के आगाज के साथ ही मुस्लिम संप्रदाय में दस दिवसीय गमगीन माहौल शुरू हो गया। नव हिजरी भी गमगीन माहौल में ही मनाते हुए सभी खुशियों के कार्यक्रम अगले दस दिनों तक स्थगित रहेंगे।
इस बीच मोहर्रम की चार तारीख को दरगाह स्थित बाबा फरीद का चिल्ला भी 72 घंटों के लिए खोला जाएगा। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने मोहर्रम को देखते हुए दरगाह क्षेत्र में जहां पुलिस गश्त बढ़ा दी है वहीं सभी से कोरोना गाइडलाइन की पालना करने तथा किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजन न करने की हिदायत दी है।