अजमेर। राजस्थान में अजमेर की ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह शरीफ स्थित मकबरा पर रखे गए अंजुमन के ताजिये पर आज मेहंदी पेश किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चलेगा।
कोविड-19 वैश्विक महामारी की गाइडलाइंस अनुपालन क्रम में प्रशासन, पुलिस और अंजुमन की परस्पर सहमति के बाद सुबह से ही मेहंदी चढ़ाने का काम किया जा रहा है। परम्परा के अनुसार मोहर्रम की सात तारीख को रात में मेहंदी रस्म होती आई है, लेकिन दरगाह में भीड़ न जुट सके और धार्मिक रस्म भी हो जाए, इसके लिए खादिमों के पास पर ही चार-चार लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा है ।
उल्लेखनीय है कि हजरत इमाम हुसैन के पुत्र हजरत कासिम के दुल्हा बने हुए कर्बला में शहीद होने की याद में मेहंदी की रस्म अदा किए जाने की परम्परा है जो हर साल अस्र की नमाज के बाद शुरु होकर देर रात तक जारी रहती है। इस बार यह सिलसिला पुलिस प्रशासनिक सूझबूझ से सुबह से ही शुरू करा करके रस्म को पूरा कराया जा रहा है। रात में ही निकलने वाला सद्धों का जुलूस भी नहीं निकलेगा।
उधर, मोहर्रम की चार तारीख को खोला गया बाबा फरीद का चिल्ला बंद कर दिया गया। अब यह चिल्ला अगली मोहर्रम पर ही जियारत के लिए खोला जाएगा।