अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में ईदुलजुहा के बाद मोहर्रम की तैयारियां शुरू कर दी है। ईदुलजुहा के बीस दिन बाद मोहर्रम और नव हिजरी सम्वत का आगाज होता है।
चांद दिखाई देने पर मोहर्रम का आगाज 20 अगस्त से होगा। इसी दिन मुस्लिम नव हिजरी सम्वत 1442 का आगाज भी होगा। मोहर्रम अगले दस दिनों तक चलेगा और 30 अगस्त को ताजिये की सवारी निकालकर उन्हें सैराब किया जाएगा।
दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन की ओर से ताजिये बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। दरगाह से ढाई दिन के झोंपड़े की तरफ अंदरकोट पंचायत ने मोहर्रम के लिए अलम के निशान का झंडा भी गाड़ दिया है।
इस अंदरकोट क्षेत्र में ही अंदरकोटियान पंचायत की ओर से हुसैनी रंग में रंगे दीवाने नंगी तलवार से हाईदौस खेलते हैं। कोरोना के चलते मोहर्रम के मौके पर भरने वाला ‘मिनी उर्स’ भी इस बार नहीं हो सकेगा।
हालांकि राज्य सरकार ने एक सितंबर से धर्मस्थलों को खोलने की तैयारियों के निर्देश दिए हैं लेकिन चूंकि मोहर्रम तीस अगस्त को ही समाप्त हो जाएगा। मोहर्रम को लेकर अगले एक दो दिनों में ही प्रशासन के साथ बैठक होने जा रही है जिसमें मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ मोहर्रम की रस्में के अलावा हाईदौस होगा अथवा नहीं, यदि होगा तो उसका स्वरूप क्या होगा इस पर निर्णय लिया जाएगा।