अजमेर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किए गए इण्डिया पोस्ट पेमेंट बैंक का अजमेर स्थित प्रधान डाकघर में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुभारंभ किया।
इस अवसर पर नकवी ने कहा कि इण्डिया पोस्ट पेमेण्ट बैंक के आरम्भ होने से डाकघर की सेवाओं के प्रति आमजन में कायम विश्वास और सृदृढ़ होगा। डाकघर अपनी पत्र तथा मनीऑर्डर जैसी सेवाओं से जीवन रेखा रहा है। समय तथा तकनीक में बदलाव आने से डाकघर का कार्य कम हुआ। इण्डिया पोस्ट पैमेण्ट बैंक आरम्भ होने से डाकघर पुनः अपनी उपादेयता स्थापित कर पाएंगे। इससे नागरिकों को घर पर ही सम्पूर्ण सेवाएं उपलब्ध रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस पैमेण्ट बैंक के आरम्भ होने से नागरिक बचत खाता तथा चालू खाता खुलवा सकते हैं। धन का स्थानान्तरण 24 घण्टे सातों दिन किया जा सकता है। इससे डीटीएच-मोबाईल रिचार्ज, बिजली-पानी बिल, गैस भुगतान, बीमा किस्त सहित कई सेवाओं का भुगतान किया जा सकेगा।
यह सुविधा ग्रामीण, दुरस्थ तथा कम पढ़े लिखे व्यक्तियों के लिए भी उतनी ही उपयोगी है जितनी प्रगतिशील तथा तकनीकी रूप से समृद्ध व्यक्तियों के लिए है। कागज रहित सेवा होने से खाता संख्या तथा पिन याद रखने की आवश्यकता नहीं है। अंगूठे के द्वारा बायोमेट्रीक सत्यापन ही समस्त कार्यों के लिए काफी है।
उन्होंने कहा कि यह सेवा हिन्दी, अंग्रेजी सहित 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध करवाई जा रही है। पोस्ट ऑफिस, इन्टरनेट बैंकिंग, मोबाईल बैंकिंग, मिस्ड कॉल बैंकिंग, एसएमएस बैंकिंग तथा आईवीआर ग्राहक सेवा केन्द्र के माध्यम से इसका संचालन किया जा सकता है। इस सेवा का लाभ 155299 पर फोन करके भी उठाया जा सकता है। भारत के लगभग एक लाख 55 हजार डाकघरों मेें कार्यरत लगभग 3 लाख डाक सेवक अब अपने पास बैंक रखेंगे।
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि पहले डाकिया डाक लाया कहते थे। अब उसकी जगह कहा जाएगा डाकिया बैंक लाया। केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण नवाचार से प्रत्येक घर तक बैंकिग सेवा पहुंच पाएगी। गरीब तथा ग्रामीणों के हित में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे देश तेजी से डिजीटल बनने की दिशा में अग्रसर होगा। उन्होंने उपस्थित डाक सेवकों का अपने क्षेत्र के प्रत्येक नागरिक को जोड़ने का आह्वान किया।
इस अवसर पर हज कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान, नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन, अरविन्द यादव सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।