श्रीनगर। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक के घंटा घर का कड़ी सुरक्षा के बीच और दुकानदारों के साथ बातचीत करते हुए दौरा किया।
श्रीनगर की दो दिवसीय यात्रा पर आए नकवी ने कहा केन्द्र जम्मू के लोगों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश मेें विभाजित करने के बाद और जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को निष्प्रभावी करने के बाद केन्द्रीय मंत्री का यह पहला दौरा है।
इस दौरान नकवी ने बुधवार सुबह लाल चौक का अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों के बीच दौरा किया। लाल चौक और उसके आसपास के इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना और आतंकवादी हमले को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों के कथित तौर पर 52 नागरिकों की मौत की 30वीं बरसी के अवसर पर लाल चौक, मैसुमा, गावकाडल, बसंत बाग, कोकेरबाजार, एम ए रोड, अबि गुजार और उसके आस पास के इलाकों में दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बंद के बाद नकवी ने श्रीनगर के केन्द्र लाल चौक का दौरा किया।
नकवी लाल चौक के बाजार में घूमे और कई दुकानदारों से हाथ मिलाया और उनसे बातचीत और बधाई दी। केन्द्रीय मंत्री उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. शाहिद इकबाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिले।
मक्का मार्केट के व्यापारियों ने हालांकि केन्द्रीय मंत्री से उनकी शिकायतों का समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा हमें डिस्पोजेबल वस्तुओं की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारी दुकानें बाजार में स्थायी रूप लगने दी जाएं।
नकवी ने संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 एक के निष्प्रभावी के बाद से लोग बहुत खुश हैं और यहां का माहौल सकारात्मक है। इस सकारात्मक माहौल में हम लोगों तक पहुंचेंगे और उन्हें परिवर्तन के बारे में बताएंगे।
नकवी श्रीनगर की यात्रा में केंद्र द्वारा आउटरीच कार्यक्रम के मद्देनजर केन्द्र शासित प्रदेश के लोगों को प्रधानमंत्री विकास पैकेट, प्रमुख योजनाओं और प्रतिष्ठित परियोजनाओं, लाभान्वित करने सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं और योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में गए प्रतिनिधिमंडल के 36 मंत्रियों में से केवल पांच कश्मीर घाटी के लोगों के साथ बातचीत करेंगे।