अजमेर। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलातों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी अगले महीने राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज विश्वविद्यालय की नींव रखेंगे।
अजमेर दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान ने बताया कि नकवी मार्च के शुरु में दरगाह कमेटी का ड्रीम प्रोजेक्ट हिन्दवली ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के नाम पर बनने वाली ख्वाजा गरीब नवाज विश्वविद्यालय की नींव दरगाह कमेटी की कायड़ विश्राम स्थली से सटी अस्सी बीघा जमीन पर रखेंगे। कार्यक्रम की तिथि अभी तय नहीं हुई हैं।
पठान ने बताया कि इसके लिए दरगाह कमेटी ने जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय की योजना उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की तर्ज पर तैयार की गई है ताकि सभी तरह के यूजीसी से संबंध कोर्सों की तालीम यहां हो सके साथ ही अकादमी के साथ तालीम पाने वाले विद्यार्थी खेल जैसे क्षेत्रों में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सके।
नव स्थापित होने वाले विश्वविद्यालय की प्रारंभिक तैयारी इस तरह की जा रही है कि प्राइमरी में दाखिला लेने वाला विद्यार्थी विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी करके ही बाहर निकले। गरीब नवाज यूनिवर्सिटी में अल्पसंख्यक समुदाय को पचास प्रतिशत आरक्षण की सुविधा भी रहेगी। सुविधाओं के नाम पर विश्वविद्यालय में स्वीमिंग पूल, फूड कोर्ट, बॉयज एवं गर्ल्स हॉस्टल तथा स्टाफ क्वार्टर जैसी सुविधाओं की अभी से प्रावधान किया जा रहा है।
विज्ञान, वाणिज्य, कला के साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कराई जाएगी। विश्वविद्यालय का मकसद पढ़ाई के साथ नौकरी से संबंधित कोर्स कराना भी रहेगा ताकि बाहर निकलने वाले नौजवान विद्यार्थी को रोजगार भी उपलब्ध हो सके।
उन्होंने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज विश्वविद्यालय में खास तौर पर नई सर्च तकनीक वाली सूफी चेयर स्थापित की जाएगी जिसमें ख्वाजा गरीब नवाज से संबंधित एवं उनकी शिक्षाप्रद पुस्तकों का खास संग्रह होगा। इसके अलावा एक सामुदायिक रेडियो भी चलाया जाएगा जिसके जरिए युवाओं को ज्ञान कौशल के लिए विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान प्रसारित होंगे।
उन्होंने कहा कि हम एक अच्छे मकसद से आगे बढ़ रहे हैं। इस्लाम की रुहानी किताब कुरान का पहला लफ्ज़ इकरा है जिसका अर्थ पढ़ने से है। ख्वाजा गरीब नवाज 800 साल पहले शिक्षा का पैगाम लेकर अजमेर आए और हमारी खुशकिस्मती है कि हम शिक्षा के उनके इस संदेश को आगे बढ़ाने जा रहे है।
गौरतलब है कि ख्वाजा गरीब नवाज का 807वां सालाना उर्स का झंडा तीन मार्च को चढ़ने जा रहा है। प्रशासन ने उर्स के पहले तीन दिन वीवीआईपी की चादर चढ़ाने के लिए खास सलाह जारी की है ताकि वीआईपी की चादर के चलते लाखों जायरीन को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।