लखनऊ। राजनीति बिसात के धुरंधर खिलाड़ी समाजवादी पार्टी सरंक्षक मुलायम सिंह यादव यानी ‘नेताजी’ राजनीतिक विश्लेषकों के लिए अबूझ पहेली बन चुके हैं। रविवार को अपने अनुज एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल सिंह की जनाक्रोश रैली में शिरकत कर उन्होंने ना सिर्फ समर्थकों में उत्साह का संचार किया बल्कि विरोधियों खासकर भारतीय जनता पार्टी को ‘यादव परिवार’ से सावधान रहने का संकेत भी दे डाला।
अपार जनसमूह के बीच रमाबाई अंबेडकर मैदान पर मुलायम के पहुंचने पर शिवपाल समर्थक जोश से भर गए। शिवपाल बड़े भाई का हाथ पकड़ कर सम्मान के साथ मंच पर ले गए। भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाई गई रैली में शिवपाल ने भरी सभा अलग दल के गठन पर सफाई देते हुए कहा कि हम तो नेताजी से साथ सपा में ही रहना चाहते थे।
मुख्यमंत्री क्या मंत्री का भी पद नहीं मांगा। नेताजी ने जो आदेश दिया उसका पालन किया। रजत जयन्ती पर हमने केवल सम्मान मांगा था। इसके अलावा कुछ नही मांगा था। हमने भी प्रयास किया। नेताजी ने भी प्रयास किया। चुगलखोरों की वजह से जिन के पास कोई जनाधार नहीं था, उन के कहने पर सब हुआ।
उन्होंने कहा कि नेताजी जानते हैं कि हमने उनसे पूछकर मोर्चा बनाया था। इस बारे में भगवती सिंह, राम सेवक यादव और रामनरेश यादव गवाह है कि आपसे पूछा था। दुबारा भी आपसे पूछा तब पार्टी बनाई।
गौरतलब है कि बड़े भाई और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे शिवपाल ने कहा था कि अब कोई उनका साथ दे या ना दे, फर्क नहीं पड़ता। मुलायम के साथ देने से हिचकने के सवाल पर कहा था कि कौन हमारे साथ है, कौन नहीं है, इसकी मुझे अब कोई चिंता नहीं है। जनाक्रोश रैली में मुलायम के शामिल होने के सवाल पर शिवपाल ने पत्रकारों से कहा था कि अब हमारे सामने देश और समाज के बहुत से मुद्दे हैं और उन्हीं मुद्दों के कारण हमने कल जनाक्रोश रैली बुलाई है।
इससे पहले पिछले महीने मुलायम ने अपने जन्मदिन पर शिवपाल को मायूस किया था जब उनकी बर्थडे पार्टी को यादगार बनाने के लिए शिवपाल ने सैफई में तगड़ा इंतजाम किया था मगर मुलायम वहां नहीं गए हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सपरिवार पिता का आशीर्वाद लेने उनके घर पहुंचे थे।
इस मौके पर शिवपाल के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने कहा कि आज तक बहुत लोगों ने समाजवाद के लिए काम किया। हम हिन्दू मुस्लिम की बात नहीं करेंगे। हम रोजगार के लिए बात करेंगे। हम अपनी सुरक्षा के लिए बात करेंगे। हम प्रगतिशील को ही अपना धर्म बनाएंगे। उसको आगे बढ़ाएंगे।
योगी सरकार पर हमला करते हुए आदित्य ने कहा कि कुछ लोग शहरों के नाम बदल रहे हैं। मैं कहता हूं कि अगर विकास करना है तो नए शहर बनाइए। इसको विकास कहते हैं। हमें समाजवाद को फिर से जिंदा करना होगा।
मुलायम की छोटी बहू अपर्णां यादव ने चाचा शिवपाल को शेर बताते हुए कहा कि जनसैलाब इस बात का सबूत है कि शेर को चोट नहीं देनी चाहिए। मैं आभारी हूं कि चाचा ने मुझे बोलने का मौका दिया, मैं तन मन धन हर तरह से आपके साथ हूं। आज बदलाव का समय है। कब तक गिनी चुनी पार्टी को मौका देंगे।
2019 में नए रूप में आगे आइए। भारत एक सेक्युलर देश है। हमें पानी, बिजली, सड़क सब चाहिए पर आज हमको ऐसा कुछ नहीं मिला। किसान, मजदूर, युवा, किसी की भी सुनवाई नहीं हो रही है। आज परिवर्तन का दिन है, 2019 में आप तय करिए कि आपको किसको चुनना है।
रैली में राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव, एमएलसी मधुकर जेटली, पूर्व मंत्री शादाब फातिमा, शारदा प्रताप और पूर्व विधायक राजेंद्र यादव मौजूद थे। गौरतलब है कि सपा में लगातार उपेक्षा से त्रस्त होकर शिवपाल सिंह यादव ने पहले समाजवादी सेकुलर मोर्चा और फिर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई। शिवपाल ने आज अपनी पहली रैली के जरिए राजनीतिक ताकत का अहसास कराया।