Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Mulfarm launches mobile app for dairy farmers - मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप - Sabguru News
होम Business मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप

मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप

0
मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप
मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप
मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप
मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए लाँच किया मोबाइल ऐप

नयी दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया की इनोवेटिव एग्री टेक कंपनी मूफार्म ने डेयरी किसानों के लिए मोबाइल ऐप्लीकेशन ‘मूफार्म’ लॉन्च करने की घोषणा की है जो किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के मिशन को बढ़ावा देगा।

कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह ऐप छोटे डेयरी किसानों को आधुनिक सुविधाएं एवं लास्ट माईल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा। इस ऐप के ज़रिए मूफार्म एक डेयरी फार्मिंग कम्युनिटी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। यह महिला सशक्तीकरण में भी योगदान देगा और किसानों की आय दो गुना करने के सरकार के मिशन को प्रोत्साहित करेगा।

मूफार्म के संस्थापक परम सिंह ने इस मौके पर कहा कि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और डेयरी उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। भारत अपने दूध उत्पादन का लगभग 100 फीसदी हिस्सा उपभोग करता है।भारतीय डेयरी उद्योग में विकास की अपार संभावनाएं हैं जिसे देखते हुए ‘मूफार्म’ किसानों के लिए स्मार्ट लर्निंग सोल्यूशन लेकर आया है। इसके द्वारा वे अपनी विभिन्न समस्याओं का समाधान कर सकेंगे और अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाकर अपना मुनाफ़ा बढ़ा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि यह ऐप किसान को हर मवेशी के पूरे जीवन चक्र को मॉनिटर करने में मदद करेगा। इसके अलावा किसान आसानी से अपने डेयरी अकाउन्ट का प्रबंधन कर सकेगा। मूफार्म का कॉल सेंटर किसानों को हर ज़रूरी सहयोग प्रदान करता है और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म के ज़रिए उन्हें इनपुट आपूर्तिकर्ताओं, सेवाप्रदाताओं, ऋण एवं बीमा कंपनियों से भी जोड़ता है।

सिंह ने कहा कि मूफार्म डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने में मदद करता है। ऐप विभिन्न पहलुओं जैसे दूध, मवेशी, प्रजनन के तरीकों, स्वास्थ्य, उत्पादकता आदि से जुड़े आंकड़ों के आधार पर किसान को सही फैसला लेने में मदद करता है।