बीकानेर । राजस्थान विधानसभा चुनाव में गंगानगर जिले के अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) में इस बार बहुकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है।
इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मौजूदा विधायक शिमला बावरी का टिकट काटकर संतोष देवी को उम्मीदवार बनाया हैं जबकि कांग्रेस ने फिर कुलदीप इंदौरा को चुनाव मैदान में उतारा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पवन दुग्गल एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। इनके अलावा निर्दलीय शिमलादेवी नायक मजबूती से खड़ी हैं और कड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। वह पिछली बार दूसरे स्थान पर रही थी।
पेशे से अधिवक्ता शिमलादेवी कांग्रेस में इस कारण शामिल हुईं थी कि उन्हें अनूपगढ़ से प्रत्याशी बनाया जायेगा, लेकिन कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को प्रत्याशी बना देने पर वह वह कांग्रेस से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में उतर गईं।
निवर्तमान विधायक शिमला बावरी का टिकट कटने पर उनके समर्थक नाराजग हो गये। भाजपा की एक अन्य दावेदार प्रियंका बेलाण भी टिकट न मिलने से असंतुष्ट थीं, लेकिन पार्टी के समझाने पर दोनों की नाराजगी भुलाकर संतोषदेवी के समर्थन में प्रचार अभियान में जुट गईं। इससे संतोषदेवी को भितरघात और बगावत का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में अस्तित्व में आया। इसी क्षेत्र में घड़साना भी आता है जहां का ज्वलंत मुद्दा नहर और सिंचाई के लिये पानी ही है। राज्य में सरकार किसी भी दल की हो पानी के लिये सालभर किसानों का कोई न कोई आंदोलन यहां चलता रहता है। इसी क्षेत्र में वर्ष 2008 से पहले लगातार पांच साल किसान आंदोलनरत रहे। यह वही इलाका है जहां वर्ष 2005 में पानी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया और पुलिस की गोलीबारी में कुछ किसानों की मौत हो गई थी।
इस क्षेत्र में शुरु से ही कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही है। वर्ष 2008 के चुनाव में यहां से माकपा के पवन दुग्गल कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा को हराकर विधायक चुने गये। वर्ष 2013 में कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा का टिकट काटकर हरिराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह बेहद कमजोर साबित हुए और अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये। यहां से भाजपा की शिमला बावरी विधायक चुनीं गई। दूसरे स्थान पर जमींदारा पार्टी की शिमलादेवी नायक रहीं जबकि श्री दुग्गल तीसरे स्थान पर खिसक गये थे।