सबगुरु न्यूज-सिरोही। शहर के बीचोंबीच स्थित भूखंड की नीलामी प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो गई। रामझरोखा के सामने स्थित 3750 वर्गफीट की इस आवासीय भूखंड को सेवाभारती का आवंटन निरस्त करके नीलामी की जा रही है।
नीलामी प्रक्रिया रुकवाने के लिए आरएसएस के अनुषांगिक सन्गठन सेवा भारती ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन सिरोही नगर परिषद के केवियट लगाने के कारण हाईकोर्ट ने इस जमीन की सशर्त नीलामी जारी रखने के आदेश दिए थे। मंगलवार को नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई। शाम पांच बजे तक इसकी अधिकतम बोली 43 लाख रुपये बोली गई थी।
भाजपा पार्षदों ने दिया ज्ञापन
इस नीलामी को रोकने के लिए सिरोही नगर परिषद के भाजपा पार्षदों ने नीलामी स्थल पर आए सभापति महेंद्र मेवाड़ा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया कि सिरोही विधायक संयम लोढ़ा हिटलरशाही से सेवा भारती को आवंटित भूखंड का आवंटन निरस्त करके इसे नीलाम करवा रहे हैं।
ये पार्षद उस व्यक्ति के लिए अति चिंतित दिखे जो इस भूखंड को नीलामी में हिस्सा लेगा। उनकी दलील है कि ये प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इसमे नगर परिषद पार्टी है। अब तक जो भी मामले में नगर परिषद पार्टी रही है उसमें कभी भी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया। इस भूखंड को 21 जनवरी को उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय आने तक रोकना चाहिए। इससे बोलीदाता के पैसे बच सके।
इधर नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि इस भूखंड की सभी कानूनी लड़ाई नगर परिषद लड़ेगी, इसमे किसी भी जनप्रतिनिधि को चिन्तित होने की जरूरत नहीं है। इसमें सुरेश सगरवंशी, अरुण ओझा, मणि देवी, मगन मीणा, गोपाल माली, गोविंद माली, गीता पुरोहित आदि 9 पार्षदों के हस्ताक्षर किये।
कल भी जारी रहेगी बोली
राजस्थान उच्च न्यायालय ने सशर्त निविदा नोटिस के अनुसार बोली प्रक्रिया को जारी रखने को कहा था। इसी के अनुसार नगर परिषद ने इस भूखंड की सफाई करवाई। इसमें बने सार्वजनिक शौचालय और झाड़ियां हटाकर लेवलिंग की।
बोली शुरू करने के पहले दिन सरकारी बोली 17 लाख 50 हजार से शुरु की गई। पहले दिन 6 बोलीदाता आये। इस दिन अंतिम बोली प्रकाश माली द्वारा 43 लाख रुपये लगाई गई। बुधवार को ये जारी रहेगी। आरएसएस का अनुषांगिक सन्गठन सेवा भारती ने दावा किया था कि इस भूखंड पर उनका कब्जा था और नगर परिषद के भाजपा बोर्ड ने इसे उन्हें आवंटित कर दिया था।
इसके लिए चाही गई राशि जमा नहीं करवाने और इस क्षेत्र के मास्टर प्लान 2031 में संस्थागत की जगह आवासीय उपयोग के लिए आरक्षित हो जाने के कारण इसका आवंटन निरस्त कर दिया था। इसके बाद इसका नीलामी नोटिस निकाल दिया था।